Union Carbide Waste: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने के विरोध में दो युवकों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा ली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को इंदौर के प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया गया।
एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर और धार एडिशनल एसपी इंद्रजीत बगलवार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं। एसडीएम गुर्जर ने कहा कि हम लोगों को समझा रहे हैं कि कचरे को जलाने की प्रक्रिया साइंटिफिक तरीके से हो रही है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। बस स्टैंड पर प्रदर्शन के चलते धार से आने-जाने वाले वाहनों को पावर हाउस चौराहे से डायवर्ट किया गया।
सीएम मोहन यादव ने कहा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार कभी नहीं चाहेगी किसी भी नागरिक को परेशानी हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और उनके द्वारा कचरे के लिए जो जगह बताई गई है। वह एक फैक्ट्री है और वह जगह उपयुक्त है।
उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि झूठी अफवाहों से प्रभावित नहीं होना है। सरकार यूके कचरे का प्रबंधन वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में करेगी।’
#WATCH | Bhopal: On people protesting against shifting of toxic waste from Bhopal's Union Carbide Factory to Dhar's Pithampur, Madhya Pradesh CM Mohan Yadav says, " In our state, govt will never want any citizen to face any problem but Supreme Court, High Court and the space that… pic.twitter.com/YPBXiNnRHO
— ANI (@ANI) January 3, 2025
पीथमपुर का नाम बदलने की मांग
कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष विवेक खंडेलवाल ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने यूनियन कार्बाइट मामले में लेटर लिखा। खंडेलवाल ने पीथमपुर का नाम बदलकर यमराजपुर रखने की मांग की है।
शांति बनाए रखने की अपील
धार के एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार ने पीथमपुर में कचरे को लाने के बारे में अपना रूख साफ कर दिया है। जनता को विश्वास में लिए बिना कोई कार्रवाई नहीं होगी। लोगों को परेशान होने या कानून को अपने हाथ में लेने की जरूरत नहीं है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे कानून को हाथ में न लें।
वहीं, विरोध प्रदर्शन के कारण किशनगंज थाना क्षेत्र में जाम लग गया है। महू डीएसपी और किशनगंज थाने का बल मौजूद हैं।
सीएम को बहस की चुनौती
यूके का कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। वकील बाबूलाल नागर ने कहा कि सीएम मोहन यादव ने कहा कि कचरे से दुष्प्रभाव नहीं होगा। मुख्यमंत्री खुले मंच पर इस मामले पर बहस करें। नागर ने कहा, हमने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सोमवार (6 जनवरी) को सुनवाई होगी। हम अदालत के सामने कचरे के दुष्परिणाम की जानकारी रखेंगे।
कचरा जलाने के विरोध में रैली
यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरे के पीथमपुर पहुंचने के बाद से विरोध और राजनीति शुरू हो गई है। कचरा जलाने के विरोध में स्कूली छात्रों, युवा, नेताओं और व्यापारियों ने गुरुवार को रैली निकाली। पीथमपुर बचाओ समिति ने दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना दिया।
कैलाश विजयवर्गीय को विरोध दूर करने का जिम्मा
इस बीच सरकार ने विरोध दूर करने का जिम्मा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को सौंपा है। वह जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश, वैज्ञानिक रिपोर्ट्स और परीक्षण के रिजल्ट की जानकारी उन्हें देंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की। उन्होंने कचरा जलाने जाने पर चिंता जाहिर की।
सीएम मोहन यादव ने कहा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पीथमपुर में कचरे का निस्तारण अदालत के निर्देश पर सावधानीपूर्वक होगा। इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, कचरे में 60 फीसदी स्थानीय मिट्टी और 40 फीसदी रासायनिक अपशिष्ट हैं। कचरे का विषैला प्रभाव 25 सालों में समाप्त हो जाता है।
कचरे का तीन बार ट्रायल हुआ
सीएम यादव ने कहा कि कचरे के निस्तारण की प्रोसेस को नीरी, एनजीआरआई, आईआईसीटी और सीपीसीबी जैसे संस्थानों की देखरेख में किया गया है। 2013-15 में पीथमपुर में तीन ट्रायल हुए, जो सफल रहे।
कचरे की राख को दफनाया जाएगा
कचरा 12 कंटेनर में गुरुवार को पीथमपुर के रामकी इनवायरो परिसर में पहुंचा। भोपाल से कंटेनर निकलने के बाद पुलिस सतर्क थी। पुलिस ने कंपनी के आसपास के 200 मीटर क्षेत्र को सील कर दिया। ड्रोन से तारपुरा गांव की निगरानी की गई।
जहरीले कचरे को 1200 डिग्री सेल्यियस तापमान में जलाया जाएगा। राख जमीन में दफन की जाएगी। कंपनी परिसर में गड्ढे खोदे गए हैं। इसमें राख के कैप्सूल को दफनाएंगे।
ऐसे नष्ट किया जाएगा कचरा
पीथमपुर में पहुंचने पर कंटेनर का वजन किया गया। पीथमपुर में कचरे को रखने के लिए लकड़ी का प्लेटफॉर्म बनाया गया है। यह प्लेटफॉर्म जमीन से 25 फीट ऊपर है। कचरे को कब जलाया जाएगा। इसका फैसला सीपीसीबी के वैज्ञानिकों की टीम करेगी।
किस मौसम में, कितने तापमान पर और कितनी मात्रा में जलाया जाए। इससे पहले सैंपल टेस्टिंग की जाएगी। पहले 37 टन कचरा जलाया जाएगा। रामकी एनवायरों में 90 किग्रा प्रति घंटे की रफ्तार से कचरे को जलाने में 153 दिन का समय लगेगा।