भोपाल/लंदन। ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद ने इस सप्ताह भोपाल गैस त्रासदी की 38वीं बरसी के अवसर पर संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है। इस घटना को दुनिया की सबसे बदतर औद्योगिक त्रासदियों में से एक माना जाता है। उत्तरी इंग्लैंड के स्टॉकपोर्ट से लेबर पार्टी के सांसद नवेंदु मिश्रा ने बुधवार को 40 सांसदों के समर्थन से ‘भोपाल गैस लीक के पीड़ितों के लिए न्याय अभियान’ शीर्षक से ‘अर्ली डे मोशन’ (ईडीएम) पेश किया।
ईडीएम छोटे संसदीय प्रस्ताव होते हैं जो सांसदों को किसी मामले को सामने रखने का अवसर प्रदान करते हैं। किसी विशेष मुद्दे को रेखांकित करने के लिए ईडीएम पेश किया जाता है। मिश्रा ने कहा, “लंबे समय से, इस बड़ी त्रासदी के पीड़ित इसके प्रभावों को झेल रहे हैं। उन्हें तत्काल पर्याप्त वित्तीय मुआवजे और सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस प्रस्ताव के पेश होने के बाद संसद सदस्य न्याय अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और अधिक काम करेंगे। सरकार वह काम करेगी जिसकी सख्त जरूरत है। दुनिया भर की सरकारों को यूनियन कार्बाइड खरीदने वाली कंपनी डाउ केमिकल्स से उचित तरीके से जवाब मांगना चाहिए।”
भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात को हुई थी, जब मध्य प्रदेश में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र में रिसाव के बाद 500,000 से अधिक लोग ‘मिथाइल आइसोसाइनेट’ के संपर्क में आ गए थे। इस दुखद घटना को दुनिया में अब तक की सबसे बदतर औद्योगिक त्रासदी माना जाता है। अनुमान के अनुसार रिसाव के पहले 72 घंटों में 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। गैस की चपेट में आए पांच लाख से अधिक लोगों में से करीब 25,000 लोगों की मौत हो गई थी।
ईडीएम की सराहना
भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के हित में काम कर रहे पांच गैर सरकारी संगठनों ने गुरुवार को ब्रिटेन की संसद के उन सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने 28 नवंबर को संसद में पेश अर्ली डे मोशन (ईडीएम) पर हस्ताक्षर किए हैं। भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि विपक्ष का नेतृत्व करने वाले जेरेमी कॉर्बिन और लेबर पार्टी के एंडी मैकडोनाल्ड ने ईडीएम का समर्थन किया है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्ताव पर और सांसद हस्ताक्षर करेंगे और निकट भविष्य में भोपाल के लंबित मुद्दों पर ब्रिटेन की संसद का ध्यान जाएगा।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि यह प्रस्ताव भारतीय मूल के लेबर सांसद नवेंदु मिश्रा ने पेश किया था। उन्हांने कहा, ‘इससे पहले नवेन्दु ने न्याय के मुद्दों, प्रदूषित भूमि और भूजल की सफाई और पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजे पर ब्रिटेन की संसद में बहस की।’’ बयान में कहा गया कि उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में राज्य मंत्री ऐनी मैरी ट्रेवेलियन ने व्यापार और सहयोग पर चल रही चर्चाओं के दौरान भारतीय समकक्षों के साथ भोपाल के मुद्दों को उठाने के बात का भरोसा दिया है।’
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ब्रिटेन के सांसदों का सक्रिय समर्थन दुनियाभर के सांसदों को भोपाल के गैस पीड़ितों की मदद के लिए प्रेरित करेगा जो वर्तमान में पर्याप्त मुआवजे, मिट्टी और भूजल से जहर की सफाई, दोषी कंपनियों को सजा और चिकित्सा और सामाजिक पुनर्वास के लिए लड़ रहे हैं। भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान और ‘डॉव कार्बाइड के खिलाफ बच्चे’ की नौशीन खान ने ब्रिटेन की संसद के अन्य सदस्यों से ईडीएम पर हस्ताक्षर करने की अपील की।