Saurabh Sharma Surrender: लोकायुक्त के छापे के बाद से फरार चल रहे RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने कोर्ट में सरेंडर को लेकर सोमवार को ड्रामा चला। सौरभ के वकील राकेश पाराशर लोकायुक्त कोर्ट पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि मैंने सौरभ शर्मा को स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कराया है। हालांकि लोकायुक्त पुलिस ने इससे इनकार किया। पूर्व आरक्षक कहां है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
तीन एजेंसियों ने छापे मारे थे
आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर में प्रवर्तन निदेशालय, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान 93 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली। इनमें मेंडोरी के जंगल में इनोवा कार से बरामद हुआ 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद भी शामिल हैं।
सौरभ के दोस्तों के ठिकानों पर जांच एजेंसी ने मारा था छापा
ED ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उनके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी के ठिकानों पर रेड मारी थी। शर्मा के परिजन और दोस्तों के बैंक खाते में चार करोड़ रुपये के बैलेंस की जानकारी सामने आई थी। 23 करोड़ की प्रॉपर्टी की जांच के दायरे में जांच एजेंसी ने ली थी। भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में जांच के दौरान छह करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट की जानकारी ईडी को मिली थी। फर्मों और कंपनियों के जरिए निवेश का खुलासा हुआ था।
सौरभ शर्मा के केस में क्या-क्या हुआ
छापे में 2.85 करोड़ नकद, 60 किलो चांदी मिलीं
लोकायुक्त पुलिस ने 17 दिसंबर 2024 को परिवहन विभाग के सौरभ शर्मा के भोपाल की ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित घर और ऑफिस में छापा मारा था। देर रात तक चली सर्च में दोनों ठिकानों से टीम को 2.85 करोड़ रुपये नकद, 60 किलो चांदी, 50 लाख के जेवर, 4 एसयूवी और कई संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। साथ ही नोट गिनने की सात मशीनें मिली।
सर्च के दौरान टीम को चांदी की सिल्लियों और नोट गिनने की बड़ी मशीने भी मिली। सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद से हुई थी। इसके बाद डीजी ने गोपनीय जांच करवाई।
पिता के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति
सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे। 2015 में उनके निधन के बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। 7 साल की नौकरी के बाद उसने वीआरएस ले लिया। फिर कंस्ट्रक्शन के लाइन में आ गए।
राज्य के रसूखदारों के संपर्क में आने के बाद पूर्व आरक्षक ने कम समय में वीआरएस ले लिया। वह अपनी मां के नाम से ई-7 अरेरा कॉलोनी में एक बंगला और शाहपुरा बी-सेक्टर में एक स्कूल का निर्माण करवा रहा है।
फार्म हाउस के अंदर कार में 54 किलो सोना
19 दिसंबर को एक फार्म हाउस के अंदर लावरिस इनोवा कार (एमपी-07 बीए 0050) बरामद की थी। कार में 54 किलो सोना और 10 करोड़ नकदी मिली थी। गाड़ी ग्वालियर के चेतन सिंह गौर के नाम से रजिस्टर्ड है। चेतन सौरभ का दोस्त है और काली कमाई में साझेदार है। आरटीओ में जो पहले नाकों पर वसूली होती थी, उसके कलेक्शन का जिम्मा सौरभ शर्मा के पास था।
सौरभ शर्मा के घर से क्या-क्या मिला?
74 एलईडी टीवी, आरटीओ की रसीद के कट्टे, 17 जेंट्स वॉच (22 लाख रुपये), 10 लग्जरी लेडिस पर्स (15 लाख रुपये), सोने-हीरे के जेवरात में एक अंगूठी। दस्तावेज में इसकी कीमत 11.64 लाख रुपये दर्ज है।
डायरी में सालना 100 करोड़ का हिसाब मिला
जांच के दौरान परिवहन विभाग को काली कमाई से जुड़ी एक डायरी मिली है। सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह से पूछताछ और आईटी की जांच में खुलासा हुआ कि सौरभ राज्यभर के RTO से उगाही कर परिवहन विभाग के अफसरों तक पहुंचाता था। डायरी और हिसाब किताब के कागजों के मुताबिक, पूर्व आरक्षक सालभर में 100 करोड़ रुपये का लेनदेन करता था।
जमानत याचिका हो गई थी खारिज
सौरभ शर्मा ने अपने वकील के जरिए भोपाल जिला अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी। कोर्ट ने इससे खारिज कर दिया था। इसके बाद सौरभ के सरेंडर करने के आसार बढ़ गए थे। पूर्व आरक्षक के आत्म समर्पण करने के बाद ईडी और आयकर विभाग द्वारा उससे पूछताछ की जाएगी।