हाइलाइट्स
- बिजली की समस्या से निपटने के लिए विभाग का बड़ा कदम।
- अब 39 नए FOC वाहन होंगे तैनात, घटेगा रिस्पांस टाइम।
- अब विभाग में 77 वाहन होंगे, बढ़ जाएगी कर्मचारियों की संख्या।
Bhopal Electricity FOC Vehicles: राजधानी भोपाल में बारिश के मौसम में बिजली की समस्या आम हो जाती है। खासकर कटौती, ट्रिपिंग, फॉल्ट या फ्यूज उड़ने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में ऊर्जा विभाग (electricity department Bhopal) ने उपभोक्ताओं की परेशानी को कम करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब बिजली की शिकायतें निपटाने के लिए नए फ्यूज ऑफ कॉल्स FOC वाहन लगाए जाएंगे। भोपाल शहर को 39 अतिरिक्त FOC (Fuse Off Call) वाहन मिलेंगे, जिससे पूरे शहर में सेवा की रफ्तार तेज होगी और रिस्पांस टाइम घटेगा। जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेंगी।
39 नए FOC वाहन, अब कुल 77 होंगे
दरअसल, मानसून के दौरान बिजली से जुड़ी कई समस्याएं सामने आती हैं, इन समस्याओं से निपटने के लिए भोपाल ऊर्जा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मानसून में बिजली की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए विभाग ने 39 नए FOC (फ्यूज ऑफ कॉल्स) वाहन तैनात करने का निर्णय लिया है। भोपाल सिटी सर्कल में पहले से ही 38 FOC वाहन कार्यरत थे। अब 39 नए वाहन शामिल किए जा रहे हैं। 39 नए वाहन मिलने के बाद 77 नए FOC वाहन हो जाएंगे। जिससे रिस्पांस समय में कमी आएगी और जल्द से जल्द लोगों की समस्या का निपटारा होगा।
144 होगी कर्मचारियों की संख्या
इसके साथ ही प्रत्येक वाहन में दो कर्मचारी तैनात होंगे। इससे न सिर्फ वाहन की संख्या बढ़ेगी, बल्कि कुल फील्ड स्टाफ की संख्या भी 76 से बढ़कर 144 हो जाएगी। जिससे जल्दी कार्य होंगे और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। वर्तमान में मौजूदा 38 वाहनों पर 76 कर्मचारी तैनात हैं। कुछ बड़े क्षेत्रों में एफओसी वाहनों में 3-3 कर्मचारी हैं।
उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
पहले शिकायतों को निपटाने में डेढ़ से दो घंटे लग जाते थे। अब यह समय घटकर आधा रह सकता है। इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा। ऊर्जा विभाग का यह नया निर्णय उपभोक्ताओं के लिए राहत का एक महत्वपूर्ण कदम है।
जोन का बड़ा क्षेत्र, बड़ी चुनौती
चांदबड़ जोन में 34,000 उपभोक्ता हैं और यह जोन करीब 15 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। इतने बड़े दायरे में सिर्फ एक वाहन और तीन कर्मचारी से काम चलाना मुश्किल हो जाता है। यही हाल इंद्र विहार (गांधीनगर) जोन का है, जो न्यू जेल रोड से आरजीपीवी तक 12 किमी में फैला है। यही वजह है उपभोक्ताओं की शिकायतें डेढ़-दो घंटे में निपट पातीं हैं। न्यू जेल रोड के आगे आरजीपीवी तक यह करीब 12 सिमी के दायरे में फैला है। यहां भी शिकायत करके निपटारे के लिए एक वाहन और तीन कर्मचारी हैं।
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मानसून में तीन गुना बढ़ती हैं शिकायतें
मानसून के दौरान पानी और नमी के कारण बिजली फॉल्ट, ट्रिपिंग और लाइन कट जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार शिकायतें इस मौसम में सामान्य से तीन गुना ज्यादा होती हैं। ऐसे में विभाग का यह कदम समय पर और उपयोगी साबित हो सकता है।
व्यावहारिक दिक्कतें भी हैं…
बिजली कंपनी के कर्मचारियों को एक ही साथ एक जगह पहुंचने की व्यावहारिक दिक्कतें भी होती है। वर्तमान में एक साथ एक से ज्यादा स्थानों पर शिकायतें आने पर टीमों को पहुंचने में 5–6 घंटे तक लग जाते हैं। 12–15 किमी के बड़े जोन में एक ही वाहन से काम करना काफी मुश्किल होता है। नए वाहनों से यह समस्या काफी हद तक हल हो सकेगी।
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