Bhopal News: सायबर फ्रॉड की शिकायत के लिए पीड़ितों को भटकना नहीं पड़ेगा। अब शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में कर सकेंगे। भोपाल नगरीय पुलिस के 37 थानों में सायबर डेस्क शुरू हो गई है। एमपी का भोपाल पहला जिला है, जहां थानों में हेल्प डेस्क शुरू की गई है।
हबीबगंज थाने में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने इसका उद्घाटन किया। हेल्प डेस्क में काम करने के लिए 500 कर्मचारियों को सायबर क्राइम ब्रांच द्वारा ट्रेनिंग दी गई है। हेल्प डेस्क शिकायती आवेदन लेने के साथ कार्रवाई करेगी।
कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया
जांच के लिए हर पुलिस स्टेशन की हेल्प डेस्क में दस से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर पंकज श्रीवास्तव, डीसीपी अपराध अखिल पटेल, डीसीपी जोन-वन प्रियंका शुक्ला, डीसीपी जोन-टू संजय अग्रवाल, डीसीपी जोन-थ्री रियाज इकबाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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हर थाने में बनाई जा रही टेक्निकल सेल
थानों को सायबर डेस्क को जांच में क्षमतावान बनाने के लिए हर थाने की टेक्निकल सेल बनाई जाएगी। पहले टेक्निकल सेल डीसीपी ऑफिस में काम करती थी। स्टेशन स्तर पर टेक्निकल सेल बनने से थानों की क्षमता बढ़ेगी। इससे शिकायतों के निराकरण और अपराधियों के धरपकड़ में बढ़ोतरी होगी।
अन्य प्रदेशों में नोटिस
स्टेशन की हेल्प डेस्क द्वारा एनसीसीपीआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा रही है। सीआईईआर पोर्टल पर गुम फोन के आवेदन थाना स्तर पर प्राप्त किए जा रहे हैं। पीड़ित खुद भी फोन के चोरी के लिए आवेदन पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। मोबाइल नंबर व खाता नंबर से अन्य प्रदेशों में किए जाने वाले अपराध की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी।
पहली शिकायत हार्टीकल्चर से रिटायर्ड अधिकारी ने की
पहली कंप्लेंट हबीबगंज थाने की सायबर डेस्क में हॉटीकल्चर विभाग से रिटायर्ड असिस्टेंट डायरेक्टर जय गोविंद (65) ने की। उन्होंने बताया कि स्नैपडील से 250 रुपये का एक प्रोडेक्ट ऑर्डर किया था। तय समय पर सामान नहीं आया तो गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च किया। इस नंबर पर कॉल करने पर कॉलर ने खुद को स्नैपड्रील के कॉल सेंटर का कर्मचारी बताया।
अधिकारी ने शिकायत बताई तो वह बोला कि ऑर्डर का अमाउंट कंपनी के पास नहीं पहुंचा है। मदद के नाम पर जालसाज ने एक वेब लिंक रिटायर्ड अधिकारी को सेंड कर दी। जैसे ही उन्होंने लिंक खोली तो खाते से डेढ़ लाख रुपये कट गए। उन्होंने दोबारा नंबर पर कॉल किया तो नहीं लगा। उन्होंने 15 सितंबर को स्नैपडील से ऑर्डर किया था। उनके साथ ठगी 19 सितंबर को हुई।-
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