Bhopal Bank Manager Scam: भोपाल में राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के चपरासी ने 10 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया। उसने सरकारी योजना की 5-5 करोड़ रुपये की 2 फिक्स डिपोजिट (एफडी) तोड़कर रकम अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली। इस घोटाले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का तत्कालीन बैंक मैनेजर और 5 अन्य लोग भी शामिल थे। शनिवार को चपरासी और यस बैंक के मैनेजर समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, सेंट्रल बैंक का पूर्व मैनेजर अभी भी फरार है। आरोपियों ने सरकारी पैसे से जमीन खरीदी और उनका प्लान था कि वे जमीन पर लोन लेकर गबन की गई रकम चुकता करेंगे। हालांकि, वे इसमें सफल नहीं हो पाए, क्योंकि ऑडिट में हेरफेर पकड़ में आ गया।
फर्जी करंट अकाउंट खोलकर किया फर्जीवाड़ा
आरोपियों ने 50 से अधिक बैंकों में फर्जी करंट अकाउंट खोल रखे थे। योजनाओं के तहत लोन के रूप में मिलने वाली रकम इन खातों में ट्रांसफर की जाती थी। पुलिस ने अब तक 9 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं। मामले की जांच के लिए एसीपी निहित उपाध्याय और टीआई अवधेश भदौरिया के नेतृत्व में दस सदस्यीय एसआईटी टीम काम कर रही है।
5-5 करोड़ रुपए की दो एफडी बनाई
सितंबर में मामला दर्ज किया गया था। डीसीपी रियाज इकबाल के अनुसार, चपरासी और इमामी गेट स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ 15 सितंबर को केस दर्ज किया गया था। राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के प्रमुख सुखदेव प्रसाद अहिरवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर 2023 को संस्था ने इमामी गेट स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 5-5 करोड़ रुपये की दो एफडी बनाई थीं। बाद में पता चला कि दोनों एफडी तोड़कर पूरी राशि संस्था के चपरासी बृजेंद्र दास नामदेव के एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई।
66 लाख का ब्याज भी गबन किया
इस एफडी पर मिलने वाला ब्याज, जो कि 66 लाख रुपये था, भी बृजेंद्र दास के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। बाद में जब जांच की गई, तो पता चला कि इस मामले में फर्जी कागजात का उपयोग किया गया था। पुलिस के मुताबिक, सेंट्रल बैंक के तत्कालीन मैनेजर नोएल सिंह की भी मिलीभगत सामने आई है। नोएल का तबादला होने के बाद वे मुंबई चले गए हैं।
किसकी क्या भूमिका
– बृजेंद्र दास नामदेव: एमपी राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में चपरासी है। उसने अपने विभाग की फर्जी सील के आधार पर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए।
– दीपक पंथी: मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में सहायक ग्रेड-3 पद पर पदस्थ है। उसने संस्था की बैंकिंग संबंधी जानकारी को अन्य साथियों के साथ साझा किया।
– धनंजय गिरी: पूर्व यस बैंक कर्मचारी है। उसने आरोपियों से मिलीभगत कर सरकारी रुपए का गबन करने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बगैर सत्यापन किए बैंक खाते खोले।
– ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र प्रधान उर्फ आचार्य बाबा: गुरू सानिध्य ज्योतिष केंद्र का संचालक है। उसने अपने केंद्र में आने वाले लोगों को गुमराह कर उनके नाम पर फर्जी फर्म तैयार की।
– राजेश शर्मा: शर्मा एंड संस का संचालक है। उसने अपने खाते में फर्जी बिलों के आधार पर गबन की राशि को ट्रांसफर करवाना था।
– पीयूष शर्मा: हरसिद्धि इंटरप्राइजेज का संचालक है। उसने अपने खाते में फर्जी बिलों के आधार पर गबन की राशि को ट्रांसफर करवाता था।
– नोएल सिंह: सेंट्रल बैंक का पूर्व मैनेजर है, जो फिलहाल फरार है।
यह भी पढ़ें: इटारसी रेलवे बुकिंग कार्यालय में 4.50 लाख गायब: हिसाब कम मिलने पर दो महिला कर्मचारियों सस्पेंड,