Bhopal ATS Chhapa: भोपाल से बड़ी खबर सामने आई है, जहां बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया बगरोदा (Industrial Area Bagroda) पठार फैक्ट्री में गुजरात और दिल्ली ATS ने छापामार कार्रवाई की है।
सूत्रों की मानें तो फैक्ट्री से 1814 करोड़ की MD बरामद की गई है। आपको बता दें कि पूरी कार्रवाई में भोपाल पुलिस को दूर रखा गया है। पिछले 24 घंटे से चल रही इस कार्रवाई में और भी बहुत कुछ निकलकर सामने आने की संभावना है। पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्त में लिया है। वहीं दिल्ली NCB ने भी एक प्लॉट नंबर 63 कटारा हिल्स स्थित निजी फैक्ट्री पर छापा मारा है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने एक्स पर किया पोस्ट
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने अपने सोशल मीडिया एक्स (Social Media X) पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में भारी जीत के लिए गुजरात ATS और NCB (ऑप्स), दिल्ली को बधाई।
Kudos to Gujarat ATS and NCB (Ops), Delhi, for a massive win in the fight against drugs!
Recently, they raided a factory in Bhopal and seized MD and materials used to manufacture MD, with a staggering total value of ₹1814 crores!
This achievement showcases the tireless efforts… pic.twitter.com/BANCZJDSsA
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) October 6, 2024
गृह मंत्री हर्ष सांघवी (Harsh Sanghvi) ने आगे लिखा कि हाल ही में उन्होंने भोपाल के इंडस्ट्रियल एरिया बगरोदा में एक फैक्ट्री पर छापा मारा है। MD बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब्त किया है, जिसकी कीमत 1814 करोड़ रुपए थी।
यह उपलब्धि नशीली दवाओं की तस्करी और दुरुपयोग से निपटने में हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Law Enforcement Agencies) के अथक प्रयासों को दर्शाती है। हमारे समाज के स्वास्थ्य और सुरक्षा (Health And Safety) की रक्षा के लिए उनके सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का समर्पण वास्तव में सराहनीय है। आइए भारत को सबसे सुरक्षित और स्वस्थ राष्ट्र बनाने के उनके मिशन में उनका समर्थन करना जारी रखें!
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बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों से आए अफसर
बता दे कि भोपाल के बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित फैक्ट्री पर छापा मारने के लिए अफसर बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों से आए थे। फिलहाल फैक्ट्री के अंदर बीते 24 घंटों से कार्रवाई चल रही है। मौके पर गुजरात के अफसर (ATS officer of Gujarat) भी मौजूद हैं।
भोपाल के पास फैक्ट्री में बनाई जा रही थी ड्रग्स
मिली जानकारी के मुताबिक, यह MD ड्रग्स हैं। ये ड्रग्स भोपाल के पास ही एक फैक्ट्री में बनाया जा रहा था। हालांकि इससे पहले पंजाब से भी 10 करोड़ की कोकीन बरामद की गई थी। बता दें कि दुबई और उत्तराखंड से बड़ी खेप सप्लाई करने का टारगेट सिंडिकेट को मिलता था।
2018 में मादक पदार्थ के रूप में घोषित हुआ एमडी
एमडी यानी मेफे ड्रोन एक ड्रग है। जब ये तरल रूप में होता है तो इसे ट्रामा ड्रोन कहा जाता है। 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत इसे मादक पदार्थ घोषित कर दिया गया। तब से इसका ट्रांसपोर्टेशन और स्टॉक करना प्रतिबंधित है।
कितना खतरनाक होता है MD का नशा
नशा छुड़ाने वाले डॉक्टर्स की मानें तो एमडी (मिथाइलीनडाईऑक्सी मैथाम्फेटामाइन यानी एक्सटैसी) का नशा सीधे सिर पर अटैक करते हुए चढ़ जाता है। अगर इसका लगातार सेवन किया जाता है, तो इसके सेवन से तनाव की स्थिति पैदा होने लगती है। इसका नशा करने वाले धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला जाता है। आखिरी में खुदकुशी की सोचने लगता है। इसके सेवन से जीवन में नकरात्मकता आने लगती है।
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