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भोपाल एम्स में 5 लाख में हार्ट ट्रांसप्लांट: BPL कार्डधारकों की फ्री सर्जरी, आयुष्मान योजना में शामिल करने का प्रस्ताव

Bhopal AIIMS Heart Transplant: भोपाल एम्स में 23 जनवरी को मध्यप्रदेश का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ। ये सेंट्रल इंडिया के किसी भी सरकारी अस्पताल में किया गया पहला हार्ट ट्रांसप्लांट है। अब एम्स में 5 लाख रुपए के खर्च में हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है।

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Sunil Shukla
Bhopal AIIMS Heart Transplant government hospital Central India

Bhopal AIIMS Heart Transplant: नए साल में एम्स भोपाल की टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है जो दिल के गंभीर और गरीब मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एम्स के कार्डियो थोरेसिक और एनेस्थीसिया विभाग की टीम ने 23 जनवरी को सेंट्रल इंडिया के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार ऑर्गन डोनेशन के जरिए एक गरीब मजदूर का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट करने का कीर्तिमान बनाया है। इस सफलता से अब भोपाल एम्स में बेहद कम खर्च में हार्ट ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन की सुविधा मिलने लगेगी।

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ये सेंट्रल इंडिया का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट कैसे ?

एम्स भोपाल की इस उपलब्धि पर बंसल न्यूज (डिजिटल) की टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाले सर्जन और एनेस्थीसिया एक्सपर्ट से चर्चा की। उनसे जाना कि यह उपलब्धि हार्ट के मरीजों के लिहाज से कितनी महत्वपूर्ण है। इसका किन-किन मरीजों को कैसे लाभ मिल पाएगा।

एम्स भोपाल में मुफ्त हुई सर्जरी

एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि 23 जनवरी को जिस पहले मरीज का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया वो एक मजदूर है और उसकी सर्जरी पूरी तरह से फ्री की गई है। इसे पूरी तरह एम्स के कार्डियो थोरेसिक एवं एनेस्थीसिया विभाग के सर्जन और डाक्टर्स की टीम ने किया है। इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी करने में किसी भी बाहरी डाक्टर की मदद नहीं ली गई है। इस लिहाज से सेंट्रल इंडिया के किसी भी सरकारी अस्पताल में किया गया पहला ट्रांसप्लांट है।

इसका लाभ आयुष्मान योजना के मरीजों को भी मिलेगा ?

[caption id="attachment_745060" align="alignnone" width="369"]dr ajai singh एम्स भोपाल के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉक्टर अजय सिंह[/caption]

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डॉ. अजय सिंह ने स्पष्ट किया कि एम्स भोपाल में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सफल रहने के बाद अब यहां यह ऑपरेशन नियमित रूप से किए जाने लगेंगे। गरीबी रेखा के नीचे वाले मरीजों के हार्ट ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क किए जाएंगे। एम्स प्रशासन ने हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी को आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। उसकी मंजूरी मिलने पर इस योजना के दायरे में आने वाले मरीजों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

हार्ट ट्रांसप्लांट का कितना खर्च आता है ?

first heart transplant

एम्स में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी टीम का नेतृत्व करने वाले कॉर्डियो थोरेसिक विभाग के HOD डॉ. योगेश निवारिया ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई जैसे शहरों के बड़े निजी अस्पतालों में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी का खर्च 30 लाख रुपए तक आता है। सर्जरी के बाद मरीज को स्टेबल होने तक ICU में रखना पड़ता है जिसका खर्च रोजाना 25 से 50 हजार रुपए तक आता है।

एम्स में हार्ट ट्रांसप्लांट का कितना खर्च आएगा ?

[caption id="attachment_745065" align="alignnone" width="358"]aiims doctor एम्स में कॉर्डियो थोरेसिक विभाग के HOD डॉक्टर योगेश निवारिया[/caption]

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डॉ. निवारिया ने बताया कि एम्स भोपाल में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सफल रहने के बाद अब वेटिंग लिस्ट में बाकी बचे 4-5 मरीजों की सर्जरी भी ऑर्गन डोनर की उपलब्धता के अनुसार की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां अब गरीबी रेखा से ऊपर के मरीजों के हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू हो जाएगी। ऐसे मरीजों को यहां हार्ट ट्रांसप्लांट कराने पर सर्जरी का खर्च 5 से 6 लाख रुपए आएगा। यह खर्च निजी अस्पतालों की तुलना में काफी कम होगा।

हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत किन लोगों को होती है ?

डॉ. निवारिया ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत उन मरीजों को पड़ती है जिनका हृदय कमजोर हो जाता है। ऐसे मरीज जिनका हार्ट ठीक से पंपिंग नहीं करता जिससे शरीर के अंगों में खून और ऑक्सीजन का फ्लो सामान्य तरीके से नहीं हो पाता। ऐसा तब होता है जब हार्ट अटैक आने पर मरीज को डॉक्टर के पास पहुंचने में देर हो जाती है। इससे हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं या काम करना बंद कर देती हैं।

हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए मरीज कैसे चुना जाता है ?

first heart transplant in MP

हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए डोनर ऑर्गन बॉडी की जरूरत होती है। इसके लिए अंगदान की स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (SOTTO) की अनुमति से अस्पतालों में किसी गंभीर बीमारी से ब्रेन डेड घोषित किए गए मरीजों या एक्सीडेंट में मृत व्यक्ति का हार्ट निकालकर जरूरतमंद मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। डॉ. निवारिया ने स्पष्ट किया कि यह प्रोसेस अधिकतम 5 घंटे में पूरी करनी होती है। इसके लिए मरीज का चुनाव उसकी बीमारी की गंभीरता को देखकर किया जाता है।

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क्या बच्चों का हार्ट ट्रांसप्लांट भी हो सकेगा ?

एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि पहला ट्रांसप्लांट सफल रहने के बाद अब जल्द ही दिल की गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इसके साथ ही यहां बच्चों के किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने की योजना पर काम किया जा रहा है। हमारा अगला लक्ष्य यहां लंग्स के ट्रांसप्लांट की सर्जरी भी शुरू करना है।

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इन डॉक्टर्स ने किया हार्ट ट्रांसप्लांट

एम्स में 23 जनवरी को हार्ट ट्रांसप्लांट की पहली सर्जरी में कॉर्डियो थोरेसिक विभाग के HOD डॉ. योगेश निवारिया, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट की टीम से डॉ. वैशाली वेंडेस्कर, डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी, डॉ. आदित्य, डॉ. नागाभूषण, डॉ. आदित्य सिरोही और वॉलिंटियर दिनेश मीणा ने अहम भूमिका निभाई है।

मध्यप्रदेश की उपलब्धि: AIIMS भोपाल में पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट, बलिराम के अंगदान से बची 2 लोगों की जान

First Heart Transplant In MP: मध्यप्रदेश ने मेडिकल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। भोपाल एम्स में प्रदेश का पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ। कार्डियोथोरेसिक डिपार्टमेंट के कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुरेंद्र सिंह यादव और डॉक्टर योगेश निवारिया की टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट किया। जबलपुर में सागर के बलिराम कुशवाहा ब्रेन डेड घोषित किए गए थे। उनके अंगदान से 2 लोगों को नई जिंदगी मिली। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

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