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भोपाल। प्रदेशवासियों के लिए Bhopal AIIMS Geno Sequencing अच्छी खबर है। कोरोना के नए वेरिएंट और ओमिक्रोन की पहचान के लिए की जाने वाली जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए हमें एक महीना का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह सुविधा बहुत ही भोपाल एम्स में शुरू होने वाली है। वो इसलिए क्योंकि इसके लिए भेजे बजट के प्रस्ताव को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
अब नहीं होना पड़ेगा निर्भर —
आपको बता दें अभी नए वैरिएंट का पता लगाने के ​लिए सैंपल की रिपोर्ट को दिल्ली के एनसीडीसी और एनआईबी पुणे भेजा जाता है। अब बहुत जल्द ही हमारी निर्भरता इन संस्थानों पर खत्म हो जाएगी। भोपाल में ही बहुत ही जल्द होल जिनोम सीक्वेंसिंग हो सकेगी। इसके लिए पहले 23 दिसंबर को प्रस्तावित किए गए बजट को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई है। आपको बता दें एम्स प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को रिएजेंट्स और स्टाफ के लिए एक करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था। अब यह प्रस्ताव मान लिया गया है। राशि मिलने के बाद एम्स द्वारा रिएजेंट्स की खरीदी, स्टाफ की नियुक्ति शुरू कर दी जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 1 महीने में पूरी प्रोसेस हो सकती है। आपको बता दें एम्स की लैब इंसाकॉक (इंडियन सॉस कोव—2 कन्सोर्टियम आन जीनोमिक्स इंडियन सार्स कोव—2 जेनेटिक्स सन्सोर्टियम) से जुड़ी है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर हफ्ते करीब 100 सैंपल की जीनेम सिक्वेंसिंग हो सकेगी।
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