हाइलाइट्स
- भोपाल एम्स में शुरू हुई 3 D प्रिंटिंग मॉडलिंग लैब
- करीब 4.5 करोड़ रुपए से अधिक लागत से बनी लैब
- सर्जन और छात्रों को अध्ययन में होगी आसानी
Bhopal AIIMS 3-D Printing Modeling Machine: भोपाल एम्स में 21 अप्रैल, सोमवार को 3 D प्रिंटिंग और मॉडलिंग मशीन पर कार्यशाल आयोजित की गई। जिसमें दिल्ली, भोपाल के विशेषज्ञों ने 3 D प्रिंटिंग व मॉडलिंग मशीन की बारिकिंया बताई। नोडल डॉ. रेखा लालवानी, डॉ सुनीता आठवले, डॉ. शीतल कोडगिरवार, ने बताया- 4.5 करोड़ रुपए की लागत से एम्स में लैब तैयार की गई है। जिसे सर्जन के अध्ययन के लिए गंभीर बीमारियों को समझने के लिए मॉडल तैयार किए जाएंगे।
ट्रेनिंग के लिए बना रहे मॉडल
दिल्ली के डॉ. रमनदीप सिंह कहते हैं- उदाहरण के तौर पर समझे कि हॉर्ट, ब्रेन या शरीर की गंभीर समस्याओं का पता लगाने में सर्जन को सालों लग जाते थे, अब उन समस्याओं को 3 D प्रिंटिंग व मॉडलिंग मशीन से कुछ ही घंटों में समझ सकेंगे। कम टाइम में ऑपरेशन होंगे। वन टाइम में सफल इलाज होगा। ये 3 D प्रिंट व मॉडलिंग मशीन सर्जन की ट्रेनिंग के लिए मॉडल बनाता है। यह एक प्रिंटिंग मशीन है, जो सॉफ्टवेयर से काम करती है। यह मशीन फिलहाल प्राथमिक स्तर पर काम करेगी।
3 D से दिखेगा विकृत अंग, नब्ज
हॉर्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आदित्य सिरोही कहते हैं कि एमआरआई और सीटी स्कैन से सिर्फ शरीर बाहर की समस्या को दिखाता है। आधुनिक 3-डी प्रिंट से तैयार मॉडल शरीर के उस अंग या नब्ज की समस्या सामने लाएगा, जिससे शरीर का कोई एक अंग काम नहीं कर पा रहा है।
हुबहू तैयार होगा ब्रेन, हॉर्ट मॉडल
हॉर्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आदित्य सिरोही ने उदाहरण से बताया कि यदि किसी का हॉर्ट, ब्रेन या कोई ऐसा अंग, जो जन्मजात शरीर के लिहाज से बड़ा, छोटा या टेढ़ा है, उसका 3 D प्रिंट से हुबहू मॉडल तैयार होगा। सर्जन ऑपरेशन से एक दिन पहले उस पर अध्ययर कर समस्या का समाधन कर सकेंगे।
रोगी की सर्जरी में कम लगेगा समय
हॉर्ट स्पेशलिस्ट डॉ. सिरोही ने यह भी बताया कि 3 D मशीन से शरीर के अंदर से अंदर तक की समस्या देख सकेंगे। जैसे ब्लड सर्कुलेशन कैसा है। सही दिशा में जा रहा है या नहीं। इससे रोगी की सर्जरी करने में टाइम कम लगेगा। सर्जरी के बाद रोगी को दिक्कत भी नहीं होगी।
ऐसे तैयार होगा 3 D मॉडल
सीटी स्कैन की रिपोर्ट को डॉक्टरों की निगरानी में 3 D मशीन पढ़ेगा।
3 D प्रिंटिंग मशीन से शरीर के रोग ग्रसित अंग का मॉडल तैयार होगा।
शरीर का प्रभावित अंग का जितना साइज है। उतने आकार का मॉडल होगा।
करीब चार से पांच घंटे में प्रिंटिंग से एक मॉडल तैयार किया जा सकेगा।
3 D प्रिंटिंग मशीन की क्वालिटी के हिसाब से मॉडल की लागत तय होगी।
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