MLA Devendra Yadav: बलौदाबाजार हिंसा मामले में तीन नोटिस मिलने के बाद भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव सोमवार को बलौदाबाजार पहुंचे. विधायक ने एसपी विजय अग्रवाल से मुलाकात की फिर कोतवाली थाना पहुंचे. विधायक देवेंद्र यादव ने इस दौरान मीडिया से भी बातचीत की.उन्होंने कहा कि सतनामी समाज के कुछ लोगों के बुलावे पर प्रदर्शन में आया था पर मंच पर नहीं गया.
पुलिस घटना के वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. पुलिस ने जब तीन नोटिस दिया था, उस वक्त पारिवारिक कारणों से बाहर था. कल पुलिस घर आ गई, इससे मै व्यथित हूं. आज अपने प्रदेश अध्यक्ष को जानकारी देने के बाद एसपी से मुलाकात करने आया हूं.
पुलिस ने देवेंद्र यादव को 17 जुलाई को दिया था नोटिस
बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को 17 जुलाई को तीसरी बार नोटिस दिया था. बलौदाबाजार पुलिस इससे पहले भी विधायक को दो बार नोटिस दे चुकी थी. लेकिन कांग्रेस विधायक पूछताछ में एक बार भी नहीं गए. पुलिस ने तीसरे नोटिस में लिखा था कि पूछताछ के लिए न आना सत्य प्रकट करने की अनिच्छा को प्रकट करता है.
पुलिस ने अब देवेंद्र यादव को नोटिस देकर 18 जुलाई को सुबह 10 बजे बलौदाबाजार सिटी कोतवाली में बुलाया है. पुलिस ने उनके कार्यालय के बाहर नोटिस को चस्पा किया है. देवेंद्र यादव को पुलिस ने इससे पहले 9 जुलाई को दूसरा नोटिस भेज पूछताछ के लिए बुलाया था. तो वहीं 8 जुलाई को पहला नोटिस भेजा था.
निर्दोषों पर कार्रवाई करने का काम कर रही सरकार: देवेंद्र
देवेंद्र यादव ने पुलिस के नोटिस मामले में कहा था कि धरने की परमिशन सरकार से ही मिली थी. फिर भी सरकार पिछले 1 महीने से निर्दोषों पर कार्रवाई करने का काम कर रही है. सतनामी समाज के पदाधिकारी को बुलाकर कहा जाता है कि कांग्रेस के पदाधिकारी का नाम ले लो, कांग्रेस नेताओं का नाम ले लो, सतनामी समाज के पदाधिकारियों पर इसी तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं.
विधायक ने कहा था कि मैंने पहले भी एक वाट्सऐप चैट दिखाया था. जिसमें कहा गया था कि देवेंद्र यादव का नाम लेंगे तो आपके भाई पर कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन उन लोगों ने मना किया तो हमारे कार्यकर्ता पर 307 का मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया.
इसलिए मिला विधायक देवेंद्र यादव को नोटिस
बलौदाबाजार में जिस दिन सतनामी समाज का प्रदर्शन (Balodabazar Violence) हुआ था, उसमें विधायक देवेंद्र यादव शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने अपने सोशल मीडिया में भी इसका वीडियो पोस्ट किया था. हिंसा की खबरों के बाद से ही इन नेताओं की वहां उपस्थिति पर सवाल उठ रहे थे और इसी के तहत पुलिस ने नोटिस थमाया है.
हिंसा (Balodabazar Violence) के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के तीन मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और बिलाईगढ़ की विधायक कविता प्राण लहरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि इन नेताओं ने ही सतनामी समाज के लोगों को भड़काया, जिससे आंदोलन हिंसक हो गया.
इस दौरान तीनों मंत्रियों ने इन नेताओं के विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें जारी करते हुए मामले की न्यायिक जांच की बात कही थी. उन्होंने कहा कि लोगों को भड़काने (Balodabazar Violence) के आरोप में कांग्रेस के नेताओं पर भी कार्रवाई होगी.
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