श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक हुई जिसमें मंदिर समिति के अध्यक्ष व जिले के कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि हर दिन श्रद्धालु अनुमति न मिलने से भस्मआरती के दर्शन से वंचित रह जाते हैं। जिसके लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है।यह नई व्यवस्था 2016 में हुए सिंहस्थ महाकुंभ की तर्ज पर चलित भस्मारती की व्यवस्था होगी।मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया है। भस्मारती (Bhasmarti at Ujjain Mahakal) का रजिस्ट्रेशन करने से जो श्रद्धालु वंचित रह जाएंगे, वह चलित भस्मारती में नि:शुल्क शामिल हो सकेंगे। इनको कार्तिकेय मंडपम की अंतिम दो पंक्तियों से चलित भस्मारती में प्रवेश दिया जाएगा। अब मंदिर प्रशासन ने बिना अनुमति वाले भक्तों के लिए समिति बैरिकेडिंग की 3 लाइन से चलायमान व्यवस्था लागू की है। भस्म आरती के दौरान दर्शन कराते हुए उन्हें बाहर निकाला जाएगा। ऐसे श्रद्धालुओं को अनुमति लेने अथवा शुल्क देने की आवश्यकता भी नहीं होगी। इसके अलावा पहले से अनुमति लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए बैठक व्यवस्था रहेगी।अगर यह व्यवस्था सफल रही, तो आगे स्थाई रूप से चलायमान भस्मआरती दर्शन व्यवस्था स्थाई रूप से जारी की जाएगी।
नहीं लगेगा कोई शुल्क- कलेक्टर
महाकाल मंदिर के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आने वाले सोमवार से चलित भस्मारती(Bhasmarti at Ujjain Mahakal) में श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे।चलित भस्मारती में प्रवेश पाने वाले श्रद्धालु नि:शुल्क शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अभी प्रायोगिक रूप से सात दिन के लिये यह व्यवस्था प्रारंभ करने पर सहमति बनी है। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो व्यवस्था निरंतर चलती रहेगी।
अभी जारी है ये व्यवस्था
वर्तमान मे भस्म आरती(Bhasmarti at Ujjain Mahakal) के दर्शनों के लिए एक दिन पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीयन कराकर परमिशन लेनी पड़ती है। और इसकी शुल्क 200 रुपए होती है। कोविड के चलते वर्तमान समय में यह संख्या 1500 ही है। दर्शन करने के लिए दो हजार लोग आते हैं, जबकि दो हजार से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं मिल पाती। वे बाहर ही खड़े रहते हैं।
अब यह व्यवस्था लागू हो चुकी है जिससे जो भक्त पंजीयन के कारण दर्शन से वंचित रह जाते हैं उनके लिए लाभदायक सिद्ध होगी।
Bhasmarti at Ujjain Mahakal