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केंद्र सरकार का नया प्लान: देश से फरार अपराधी और भगोड़ों की वापसी के लिए CBI का भारतपोल तैयार, जानें कैसे करेगा काम

Bharatpol: देश से भागे अपराधियों की वापसी के लिए केंद्र सरकार ने इंटरपोल की तर्ज पर भारतपोल की शुरुआत करने वाली है। इससे साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, संगठित अपराध, मानव तस्करी जैसे इंटरनेशनल क्राइम के मामलों की जांच में तेजी आएगी।

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Rahul Garhwal
Bharatpol CBI Central Government Home Minister Amit Shah

Bharatpol: क्राइम के बाद देश से भागने वाले अपराधियों की वापसी के लिए केंद्र सरकार ने नया प्लान तैयार किया है। गृह मंत्रालय ने इंटरपोल की तर्ज पर CBI का भारतपोल तैयार किया है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारतपोल लॉन्च करेंगे।

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क्यों बनाया गया भारतपोल ?

भारतपोल इंटरपोल के जैसा ही एक नया पोर्टल है जो CBI के अधीन काम करेगा। इसकी खासियत है कि राज्यों की पुलिस सीधे इंटरपोल से वांछित अपराधियों या भगोड़ों की जानकारी ले सकती है। साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, संगठित अपराध और मानव तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच में इस पोर्टल की मदद से तेजी आएगी। साथ ही रियल टाइम जानकारी जुटाने में सहायता मिलेगी।

मंगलवार को लॉन्च करेंगे गृह मंत्री अमित शाह

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देश में अपराध करके विदेश भागने वाले अपराधियों के खिलाफ नोटिस जारी करने में अक्सर समय लग जाता है। लेकिन अब CBI ने भारतपोल नाम का एक आधुनिक पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल पर NIA, ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस भी मिलकर काम करेंगी। भारतपोल की लॉन्चिंग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को करेंगे। इसका सफल परीक्षण हो चुका है।

भारतपौल कैसे काम करेगा ?

इस पोर्टल की विशेषता यह है कि अब राज्यों की पुलिस सीधे इंटरपोल से किसी अपराधी की जानकारी मांग सकती है। यदि इंटरपोल इसे स्वीकार करता है, तो जानकारी सीधे राज्यों की पुलिस को मिल जाएगी। इसका उद्देश्य भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और इंटरपोल के बीच सहयोग को सरल और प्रभावी बनाना है। किसी भगोड़े अपराधी के खिलाफ नोटिस जारी करने के लिए राज्यों को पहले सीबीआई से अनुरोध करना पड़ता है, जो फिर इसे इंटरपोल को भेजती है। इसके बाद, इंटरपोल द्वारा भेजी गई जानकारी सीबीआई के माध्यम से राज्य पुलिस तक पहुंचाई जाती है। यह प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली होती है। इसे सरल बनाने के लिए यह पोर्टल बनाया गया है।

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इंटरपोल के पास ही रहेगा नोटिस जारी करने का अधिकार

भारतपोल के एक्टिव होने के बाद भी नोटिस जारी करने का अधिकार इंटरपोल के पास ही रहेगा। भारत की ओर से CBI सीधे तौर पर इंटरपोल से जुड़ा है। अब पोर्टल के जरिए अगर किसी राज्य पुलिस की रिक्वेस्ट को इंटरपोल स्वीकार करती है तो वो उस अपराधी के खिलाफ रेड कॉर्नर या अन्य तरह के नोटिस जारी दे सकती है। इसके साथ ही उसकी लोकेशन और अन्य जानकारी सीधे राज्यों से शेयर कर सकती है।

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इंटरपोल कैसे काम करती है ?

इंटरपोल को आसान शब्दों में इंटरनेशनल पुलिस कहा जा सकता है। इसका फुल फॉर्म 'इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन' है। ये सदस्य देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपराधिक मामलों में मदद और कॉर्डिनेशन का काम करती है। इसका टारगेट इंटरनेशनल क्राइम पर लगाम लगाना और जांच में मदद करना है। इसका गठन 1923 में किया गया था। इसका हेडक्वार्टर फ्रांस के ल्योन में है। इंटरपोल में अभी 196 सदस्य देश हैं, जो इसे संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संगठन बनाता है। भारत 1949 से इसका मेंबर है।

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