नई दिल्ली। जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन केंद्र भारत मंडपम कार्यक्रम के बाद आम आदमी के लिए खोला जाएगा।
करीब 123 एकड़ के परिसर में निर्मित इस परियोजना में 12 प्रदर्शनी हॉल, एक अत्याधुनिक सम्मेलन केंद्र है, जो एक बहुउद्देश्यीय हॉल में 7,000 लोगों को समायोजित कर सकता है और 1.5 एकड़ में फैली एक कृत्रिम झील के साथ-साथ सुंदर सार्वजनिक प्लाजा भी है।
प्रगति मैदान में थी कमी- संजय
आर्कोप एसोसिएट्स के निदेशक और भारत मंडपम परियोजना के वास्तुकार संजय सिंह ने बताया कि कन्वेंशन सेंटर के सामने संगीतमय फव्वारे और फूड कोर्ट युक्त आठ एकड़ का सार्वजनिक प्लाजा टिकट वाले मनोरंजन क्षेत्र के रूप में लोगों के लिए खुला रहेगा। जिसकी पहले प्रगति मैदान परिसर में कमी थी।
कन्वेंशन सेंटर को बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, सम्मेलनों, आयोजनों की मेजबानी करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह कई बैठक कक्ष, लाउंज, प्रेक्षागृह, एक एम्फीथिएटर और एक व्यापार केंद्र से सुसज्जित है।
एडास, सिंगापुर के सहयोग से हुआ डिजाइन
भारत मंडपम परियोजना को आर्कोप ने एडास, सिंगापुर के सहयोग से डिजाइन किया था। सेंटर के विभिन्न बैठक हॉलों में एक समय में 13,500 लोग बैठ सकते हैं, जिसमें प्रत्येक हॉल में भवन के एक हिस्से में होने वाली कार्यवाही का एक साथ प्रसारण करने का प्रावधान है।
संजय सिंह ने कहा कि प्रगति मैदान परिसर में पहले 123 एकड़ में प्रदर्शनी हॉल की एक श्रृंखला थी, जिसमें लोग बारिश और धूप में सड़कों पर चलते थे। उन्होने कहा, “हमने इसे एक सुखद अनुभव में बदलना चाहा। हमने हॉल को एक साथ जोड़ा है और उनमें यह एकीकृत घटक है।
100,000 वर्ग फुट का बनाया प्रवेश क्षेत्र
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) की यात्रा को भी 40 एकड़ के बेसमेंट पार्किंग स्थल को जोड़ने वाले अंडरपास के साथ आरामदायक बना दिया गया है, जिसमें 5,000 से अधिक कारें और 60 बसें आ सकती हैं।
संजय ने बताया कि बेसमेंट में 100,000 वर्ग फुट का प्रवेश क्षेत्र बनाया है, जो वातानुकूलित है। यहीं पर सभी टिकट बिक्री और सुरक्षा जांच होंगी और जब आप भूतल पर आते हैं, तो आपके पास टिकट वाले क्षेत्र में जाने का विकल्प होता है।
परियोजना से करीब से जुड़े पीएम
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस परियोजना से करीब से जुड़े हुए हैं और नियमित आधार पर इसकी प्रगति की समीक्षा करते हैं। परियोजना के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में दो से तीन प्रस्तुतियां दी गईं और विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विभागों द्वारा बहुत सारे इनपुट साझा किए गए।
उन्होने कहा कि सरकार इस बात को लेकर बहुत सचेत थी कि यह एक ‘शोकेस’ परियोजना है। जो जी20 आवश्यकताओं के अनुरूप थी। यह सर्वोत्तम होनी चाहिए, क्योंकि हम विश्व नेताओं की मेजबानी कर रहे हैं।”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कन्वेंशन सेंटर सितंबर के बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए उपलब्ध होगा।
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