रायपुर। छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख में कांग्रेस और बीजेपी दोनो ही पार्टियों के प्रत्याशियों ने अपा नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान सियासत में सरगर्मी है। दोनों ही पार्टी के नेता नामांकन दाखिल होने के पहले से ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। बता दें कि आज गुरुवार को कांग्रेस-बीजेपी के उम्मीदवारों में से पहले बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम ने नामांकन दाखिल किया। उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया है। इस दौरान अरुण साव, नारायण चंदेल, सांसद मोहन मंडावी, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विक्रम उसेंडी सहित कई बड़े बीजेपी नेता मौजूद रहे। इसके बाद कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान उनके साथ सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, मंत्री कावासी लखमा मौजूद सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद रहे। नामांकन भरने के बाद दोनों ही दलों का शक्ति प्रदर्शन होगा।
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जीत का दावा
कांग्रेस ने सावित्री मंडावी और BJP ने ब्रह्मानंद नेताम को टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है। इस चुनाव को लेकर पूर्व CM रमन सिंह ने कहा है कि इस बार के चुनाव में जनता ने मन बना लिया हैं की कांग्रेस को सबका सिखाना है, कितना भी इधर-उधर कर लें लेकिन बीजेपी ही जीत कर आएगी। बता दें कि बीजेपी नेताओं का कांकेर पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही जारी है। अरुण साव, संतोष पांडे, बीजेपी महामंत्री व अन्य बीजेपी कार्यालय पहुंचे। वहीं कांग्रेस पार्टी से पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने अपने प्रत्याशी की जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि हमने 4 उपचुनाव जीते हैं, ये भी हम जीतेंगे। हमें अपने 4 साल के कामकाज पर विश्वास है। यहां की जनता भी हमको आशीर्वाद देगी।
दोनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर
बता दें कि भानुप्रतापपुर सीट से कांग्रेस विधायक रहे मनोज मंडावी का 16 अक्टूबर हार्ट अटैक आ जने से निधन हो गया था, जिसके बाद से यह सीट खाली थी अब इसपर उपचुनाव कराया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से मनोज मंडावी की पत्नी को मैदान में उतारा गया है, जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस के बीच यह टक्कर का चुनाव माना जा रहा है। बता दें कि शुरू से ही इस सीट पर सावित्री मंडावी का नाम तय माना जा रहा था। सावित्री मंडावी पेशे से सरकारी शिक्षिका थीं, जैसे ही चुनाव की घोषणा हुई तो उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। उधर भाजपा के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम ने वर्ष 2008 में भानुप्रतापपुर सीट से विधायक का चुनाव जीता था। तब उनके सामने मनोज मंडावी चुनाव लड़ रहे थे। माना जाता है कि आदिवासियों के बीच ब्रम्हानंद नेताम की अच्छी पैठ है।
यह है चुनाव की पूरी प्रक्रिया
भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 10 नवंबर से 17 नवंबर रखी गई। वहीं नामांकन की जांच 18 नवंबर को होगी। नाम वापसी 21 नवंबर तक की जा सकेगी। मतदान 5 दिसंबर को होगा। मतगणना 8 दिसंबर होगी, इसी दिन चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। बता दें कि इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 1,95,678 है, जिनमें से पुरुष मतदाता 95,186 हैं। वहीं महिला मतदाता 1,00491 हैं।
भानुप्रतापपुर उप चुनाव के लिए 47 नामांकन फॉर्म जमा हुए हैं, जिनमें से 44 मान्य किए गए। बीजेपी, कांग्रेस, गोंगपा के 2-2 नामांकन जमा किए गए हैं। वहीं 35 से ज्यादा आदिवासी समाज के प्रत्याशी मैदान में हैं। कल शुक्रवार को नामांकन फार्म की जांच की जाएगी। वहीं 21 नवंबर को नामांकन वापसी का आखिरी दिन रहेगा।