हाइलाइट्स
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जिलाध्यक्ष भानु भूरिया का विवादित बयान
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‘आदिवासियों की जमीन खरीदना होगा आसान’
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कानून में संसोधन करवाएंगे: भानू भूरिया
Bhanu Bhuriya: झाबुआ जिलाध्यक्ष और दो बार विधानसभा का चुनाव हार चुके भानू भूरिया (Bhanu Bhuriya) ने आदिवासियों को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है।
मंगलवार को जिला व्यापारी प्रकोष्ठ के एक कार्यक्रम में भूरिया (Bhanu Bhuriya) ने कहा कि आदिवासियों की भूमि खरीदी बिक्री मामले में व्यापारियों को आ रही परेशानी को वे जल्द ही दूर करने जा रहे हैं।
कानून में संसोधन करवाएंगे: भूरिया
भानू भूरिया (Bhanu Bhuriya) ने कहा कि केंद्र सरकार में जल्द ही इस कानून में संशोधन करवाया जाएगा, जिससे आसानी से आदिवासियों की जमीन अन्य वर्ग के लोग खरीद सकेंगे।
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कार्यक्रम में मौजूद रहे कैलाश विजयवर्गीय
बता दें कि इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में इंदौर के कांग्रेस से बीजेपी में गए कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम, उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, वन मंत्री नागर सिंह चौहान, बीजेपी उम्मीदवार अनीता चौहान शामिल रहे।
सोशल मीडिया पर भड़के लोग
भानू भूरिया (Bhanu Bhuriya) के इस विवादित बयान ने हर तरफ हलचल मचा दी है। भूरिया के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
वीडियो के वायरल होते ही बड़ी संख्या में आदिवासी संगठन के लोग भड़क गए। इस दौरान जिलाध्यक्ष को लोगों ने खूब खरी-खोटी सुनाई। सोशल मीडिया पर लोगों ने कई तरह के कमेंट किए। कुछ लोगों ने ये तक कह दिया कि वे इसीलिए ये दो बार हार चुके हैं।
एक यूजर ने लिखा कि इन्हें पहले संविधान पढ़ना चाहिए, फिर बात करना चाहिए। एक यूजर ने इस वीडियो पर कमेंट किया कि ये लोग एक दिन आदिवासियों का राजनीतिक आरक्षण भी खत्म कर देंगे।
क्या कहता है भारत का संविधान?
आदिवासियों की जमीन को लेकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) (2) की 1959 की धारा 165 एवं 170 में प्रावधान है कि आदिवासी की किसी भी प्रकार की जमीनों पर सौदा नहीं किया जा सकता है।
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