Bhandare ke Khana: आज के समय में शायद ही ऐसी कोई कॉलोनी या गली मुहल्ला हो जहां मंदिर न हो। इसके लिए कॉलोनी वाले समिति बनाकर मंदिर की व्यवस्थाएं करते हैं। हर बड़े त्योहारों पर इन मंदिरों में भंडारा भी होता है।
कॉलोनी के लोग दान करते हैं और इसके बाद भर-भर खाना खाने पहुंचते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि भंडारे का ये भोजन खाने से आपको धार्मिक नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं।
प्रेमानंद महाराज ने बताया किसे और क्यों नहीं खाना चाहिए भंडारे का खाना?#PremanandMaharaj #Bhandara #HinduDharma #bansalnewsmpcg pic.twitter.com/5LhmhfRrjn
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 29, 2024
हिन्दु धर्म ग्रंथ के साथ-साथ आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रेमानंद महाराज के अनुसार कि किन लोगों का भंडारे का भोजन नहीं करना चाहिए।
इन लोगों को नहीं खाना चाहिए मुफ्त का खाना
आचार्य प्रेमानंद महाराज (Premnand Maharaj) के अनुसार यदि आप दूसरों से पैसा ले रहे हो, दूसरों का भोजन खा रहे हो, कुछ भी मेहनत नहीं कर रहे हैं तो आपके द्वारा किया गया सारा पुण्य कार्य निरर्थक चला जाता है। इस स्थिति में आपके द्वारा किए गए सभी धार्मिक कार्य और पूजा पाठ बेमाइने हो जाता है।
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के अनुसार आप व्यक्ति को नमक रोटी खा ले, भूखा बैठा रहे, लेकिन उसे कभी भी भंडारे में भोजन नहीं करना चाहिए।
बांटना वाला तो कहेगा ही प्रसाद है
भंडारे में बाटने वाला तो अपना पुण्य काम कर रहा है। वह तो बांटेगा और कहेगा ही कि प्रसाद है। लेकिन इसमें आपको ध्यन देना है कि आप बाबा नहीं है। जो आप भी भंडारा खाने के लिए खड़े हैं। हर कोई दूध और हलवा बांटने वाले तो कहेंगे ही कि भंडारा कर रहे हैं आपको ध्यान रखना है कि आप भोजन करने के पात्र हैं या नहीं।
भंडारा करवाने की सोच लाएं
प्रेमानंद महाराज के विचार के अनुसार आपको ऐसा सोचना चाहिए कि हम भी इतना कमाएंगे कि भंडारा करवाएंगे। जब आपको जो पुण्य मिलेगा उसकी एक अलग अनुभूति होगी।
भोजन के समान राशि जरूर करें दान
यदि आप गृहस्थ होते हुए कहीं तीर्थ पर जा रहे हैं और वहां भंडारे का भोजन कर रहे हैं तो इस कंडीशन में आप वहां अपने द्वारा किए गए भोजन के बराबर की राशि दान जरूर करें।
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