नई दिल्ली। आज कल हर तरफ साइबर Froude by Searching Bank Custmer Care on Google ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में ठग तरह—तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। आप भी गूगल पर बैंक कस्टमर केयर का नंबर सर्च करते तो सावधान हो जाएं। क्योंकि अब ठगों ने एक नया रास्ता अपना लिया है। वे गूगल पर गलत कस्टमर केयर कलकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
दरअसल नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने गूगल पर बैंक कस्टमर केयर के टोल फ्री नम्बर के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आप जान कर हैरान होंगे कि ये आरोपी 4 साल में 150 से अधिक लोगों से 35 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। इतना ही नहीं पुलिस ने इनके पास से 10 डेबिट कार्ड और 3 मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं।
आपको बता दें नोएडा के सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाना पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दा फास किया है जो गूगल पर बैंक कस्टमर केयर के फर्जी टोल फ्री नम्बर अपलोड कर उनके माध्यम से बैंकिंग सुविधा देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करते थे। इस अन्तर्राज्यीय गैंग में दो शातिर अपराधियों को पुलिस द्वारा मेरठ से गिरफ्तार किया गया है।
4 साल में 35 लाख उड़ाए —
पुलिस के बताए अनुसार ठग 4 साल में 150 से अधिक लोगों से 35 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। इनके पास से पुलिस ने 10 डेबिट कार्ड और 3 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद अन्य साथियों की तलाश जारी है। आपको बता दें पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके नाम मोहम्मद रियाज और लईक अहमद निवासी बिजनौर बताए जा रहे हैं।
फर्जी आईडी कार्ड से सिम खरीद कर, कर रहे थे ठगी —
साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार ये लोग फर्जी आईडी से मोबाइल सिम खरीदकर गूगल पर नंबर डालकर ठगी किया करते थे। इस नंबर की सहायता से लोगों को फंसाने के लिए आरोपी लोगों को एप डाउनलोड कराकर मोबाइल हैक कर लेते थे। एप डाउन लोड होने के बाद खाते से पैसे निकाल लेते थे।
ऐसे पकड़ाए आरोपी —
पुलिस के अनुसार गाजियाबाद निवासी स्टीफन थॉमस ने शिकायत की थी कि उनकी बेटी नेट बैंकिंग शुरू करना चाहती थी। जिसके लिए उसने गूगल से कस्टमर केयर का टोल फ्री नंबर निकाला। निकाले गए नंबर पर जब बात की तो आरोपी ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फोन में क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करवा लिया। एप डाउन लोड होते ही 5.97 लाख रुपये निकाल लिए। जिसकी शिकायत करने पर मामले की जांच की गई। जिसके बाद सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जामताड़ा गिरोह के दो ठगों को मेरठ से गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई है। जिसमें पता चला कि ये दोनों साइबर अपराधी संगठित गैंग के सदस्य हैं। इसमें पकड़ा गया आरोपी लईक, 4 साल पहले काम के सिलसिले में मुंबई गया था। इसी समय वह झारखंड निवासी मामा नामक शख्स के संपर्क में आया था। आपको बता दें पुलिस के अनुसार मामा जामताड़ा गिरोह का सक्रिय ठग है। उसी ने लईक से दोस्ती कर साइबर ठग का प्रशिक्षण दिया। जिसके बाद ठगी की ट्रेनिंग दी। जिसमें उसने बैंक खाते के डाटा के साथ ही कॉलिंग और ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले ऐप के बारे में जानकरी दी।
इसके बाद लईक और साथी रियाज दोनों साथ मिलकर जामताड़ा गिरोह से मिलकर ठगी करने लगा। आपको बता दें लईक केवल पांचवीं कक्षा पास है जबकि रियाज ने कंप्यूटर में पीजीडीसीए किया है। दोनों ठगों ने झारखंड के ठग मामा के साथ मिलकर इस कदर पैसे उड़ाए हैं कि एमबीए, एमसीए व बीटेक पास लोगों को तक धोखा दे कर ठगी की है।