बंगाल के मंत्री शुक्ला ने इस्तीफा दिया, चुनाव से पहले ममता कैबिनेट छोड़ने वाले तीसरे मंत्री

कोलकाता, पांच जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के युवा और खेल मामलों के राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे से इस वर्ष होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस को एक और झटका लगा है।
क्रिकेटर रह चुके शुक्ला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेजा जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया और पत्र को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भेज दिया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाह पर राज्य मंत्रिपरिषद से लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा स्वीकार लिया।
राज्यपाल ने एक आदेश में कहा, ‘‘तुरंत प्रभाव के साथ लक्ष्मी रतन शुक्ला मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं रह जाएंगे।’’
धनखड़ ने आदेश में कहा है कि मुख्यमंत्री की सिफारिश के अनुरूप खेल और युवा मामलों के विभाग का प्रभार अरूप बिस्वास के पास होगा।
अरूप बिस्वास युवा और खेल मामलों के मंत्री हैं।
शुक्ला के इस्तीफा के पहले राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे।
294 सदस्यी बंगाल विधानसभा के चुनाव इस वर्ष अप्रैल-मई में होने वाले हैं।
मंत्रियों के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों ने भी सत्तारूढ़ पार्टी छोड़ दी है जिसमें शीलभद्र दत्ता, बिश्वजीत कुंडू, दीपाली बिश्वास और शुकरा मुंडा शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की रणजी टीम के पूर्व कप्तान और हावड़ा (उत्तर) के विधायक शुक्ला (39) ने बनर्जी को भेजे अपने त्यागपत्र में कहा है कि वह राजनीति से ‘संन्यास’ लेना चाहते हैं।
मंत्री पद छोड़ने के अलावा शुक्ला ने हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस (सदर) का अध्यक्ष पद भी छोड़ दिया है।
हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस के पार्टी मामलों को देखने वाले शुक्ला ने हालांकि विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
शुक्ला ने बनर्जी को पत्र लिखा, ‘‘मैं फिलहाल राजनीति छोड़ रहा हूं। अगर आप मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लेती हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा और मुझे हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस (सदर) के अध्यक्ष पद सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें और मुझे अपने रूचि के क्षेत्र पर ध्यान देने की अनुमति दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल मैं अपना कार्यकाल समाप्त होने तक विधायक के तौर पर सेवा देता रहूंगा।’’
मुख्यमंत्री ने शुक्ला का इस्तीफा स्वीकार लिया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
बनर्जी ने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लक्ष्मी इस्तीफा दे सकते हैं, यह मायने नहीं रखता। वह अच्छा लड़का है। वह क्रिकेट से फिर से जुड़ने के लिए पद छोड़ना चाहते हैं। अपने पत्र में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा के लिए नहीं लिखा है, बल्कि राजनीति से संन्यास लेने की इच्छा जतायी है और खेल पर ध्यान देना चाहते हैं और उसी में ज्यादा समय देंगे।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने (शुक्ला) अन्य दायित्यों से भी मुक्त करने को कहा है। इसलिए मैंने उनका इस्तीफा राज्यपाल के पास भेज दिया है। मैं उनके अच्छे भविष्य की कामना करती हूं और हमारे बीच किसी तरह की गलतफहमी नहीं है।’’
शुक्ला से कई बार संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनका जवाब नहीं मिल पाया।
शुक्ला के करीबी सूत्रों ने कहा कि पार्टी में साथी नेताओं के व्यवहार से वह निराश थे।
राज्य क्रिकेट में उनके एक निकट मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘लंबे समय से वह पार्टी के सहयोगियों के व्यवहार से खुश नहीं थे। मंत्री के तौर पर उन्हें ठीक से काम नहीं करने दिया गया और उन्होंने कई बार हमारे समक्ष नाराजगी जताई।’’
शुक्ला के इस्तीफे पर भाजपा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने पूर्व क्रिकेटर को अपनी पार्टी में शामिल होने की पेशकश की।
कांग्रेस ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस बिखरती जा रही है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे रोक पाने में नाकाम हैं। जबकि, माकपा ने बनर्जी से यह बताने को कहा कि राज्य के मंत्री एक के बाद एक, इस्तीफा क्यों दे रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि अगर शुक्ला उनकी पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस की कोई राजनीतिक विचारधारा, दिशा नहीं है। यह माकपा के विरोध में बनी थी और अब इसकी अहमियत खत्म हो गयी है। जमीनी स्तर के लोग जानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस के गिने चुने दिन ही रह गए हैं।’’
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्ला से तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का आग्रह किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस बिखरती जा रही है और बनर्जी को पता नहीं है कि इसे कैसे रोकें।
माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शुक्ला खिलाड़ी थे और तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें विधायक बनाया।
चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘उन्होंने मंत्री पद से क्यों इस्तीफा दिया, इस संबंध में शुक्ला और उनकी पार्टी प्रमुख ही बेहतर बता सकती हैं। लेकिन मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि एक के बाद एक मंत्री क्यों इस्तीफा दे रहे हैं।’’
शुक्ला के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने उम्मीद जतायी कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।
बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि शुक्ला के पार्टी छोड़ने का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भाषा नीरज नीरज देवेंद्र
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