कोलकाता। Bengali Mandatory In School पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में बांग्ला को अनिवार्य रूप से दूसरी भाषा बनाने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायतों की जांच करने के लिए एक शिक्षा आयोग गठित करने को भी मंजूरी दी गई।
जाने क्या बोले अधिकारी
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “दूसरी भाषा के रूप में बांग्ला चुनने का विकल्प है, लेकिन अधिकांश छात्र हिंदी या अन्य भाषाओं को चुनते हैं। नतीजा यह हुआ कि छात्र बांग्ला ठीक से नहीं सीख पा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “आज, राज्य कैबिनेट ने इसे बदलने का फैसला किया, और राज्य के सभी अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में बांग्ला को अनिवार्य रूप से दूसरी भाषा कर दिया।” उन्होंने कहा कि शिक्षा आयोग का गठन स्वास्थ्य आयोग की तर्ज पर किया जाएगा, जिसका प्रमुख एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश होगा।
सात जिलों पर जल्द बनेगी सहमति
राज्य कैबिनेट ने एक समिति के गठन को भी मंजूरी दे दी जो राज्य में सात नए जिलों के निर्माण पर अगले तीन महीनों में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी। अधिकारी ने कहा कि नदिया, बीरभूम, मालदा, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्वी और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों को विभाजित कर सात नए जिले बनाये जाएंगे।
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