हाइलाइट्स
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बस्तर में नामांकन दाखिले की मियाद पूरी
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कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा महासंग्राम
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अगले 5 साल के लिए बस्तर का कौन होगा बॉस
Bastar: छत्तीसगढ़ में पहले चरण में सिर्फ बस्तर का रण होना है. नामांकन दाखिले की मियाद पूरी हो चुकी है. लगभग तय है कि बस्तर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा महासंग्राम होगा. बीजेपी ने महेश कश्यप पर दांव लगाया है तो कवासी लखमा कांग्रेस के लिए ताल ठोंकने को तैयार हैं. मतलब साफ है कि बस्तर का चुनावी रण इस बार न केवल दिलचस्प रहेगा. बल्कि बहुत कुछ नया भी दिखाएगा. जिसके संकेत राजनैतिक दल दे रहे हैं.
कवासी लखमा और महेश कश्यप के बीच मुकाबला
छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया है. बस्तर का बॉस बनने के लिए कांग्रेस और बीजेपी अब ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस ने दिग्गज नेता और कोंटा से 6 बार के विधायक कवासी लखमा को रण में उतारा है.
राहुल की 5 गारंटियों के साथ कांग्रेस को भरोसा है कि 24 की महाभारत में उसका महारथी बीजेपी को धूल चटाने में कामयाब होगा. पीसीसी चीफ और बस्तर के वर्तमान सांसद दीपक बैज को भरोसा है कि बस्तर की जनका कांग्रेस का साथ देगी.
चुनाव मजबूती के साथ लडे़ेंगे: बैज
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ आज नामांकन (Bastar) हुआ है. चुनावी आगाज हो गया है. चुनाव मजबूती के साथ लडे़ेंगे. उन्होंने कहा कि बस्तर से नामांकन दाखिल करने की शुरुआत हुई है. 11 सीटों पर नामांकन दाखिल करने जाएंगे. सभी सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे.
वहीं इधर राज्य में 5 साल के कमजोर कार्यकाल और भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही बीजेपी ने महेश कश्यप जैसे जमीनी कार्यकर्ता को लोकसभा के रण में उतारा है. बीजेपी को भरोसा है कि मोदी सरकार की गारंटी और विष्णुदेव साय सरकार के काम उसके लिए विनिंग कॉम्बिनेशन का काम करेंगे. धर्मांतरण के मुद्दे को भी बीजेपी लगातार कैश कराने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस को हर मुद्दे पर घेर रही बीजेपी को भरोसा है कि बस्तर सहित प्रदेश की सभी 11 सीटों पर उसको विजय मिलेगी.
कांग्रेस के नेताओं का अपनी पार्टी से विश्वास डगमगाया: सिंह
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल से छत्तीसगढ़ में जो लूट मची, अत्याचार और भ्रष्टाचार हुआ. एक इंच भी इन्होंने काम नहीं किया. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का अपनी ही पार्टी से विश्वास डगमगाया है और बीजेपी से भरोसा जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम विष्णुदेव साय जी की कार्ययोजना में अपनी मुहर लगाई है. मैं सभी का बीजेपी में बहुत-बहुत स्वागत करता हूं.
गर्मी के साथ लगातार चुनावी तापमान भी बढ़ रहा है. जिसका असर कहीं जुबान फिसलने तो कहीं हाथों से नोट निकलने के रूप में दिख रहा है. इन गलतियों को दोनों तरफ से लपका जा रहा है. बस्तर में बीजेपी विकास के एजेंडे के साथ मैदान में है. तो कांग्रेस मोदी की गारंटी के फेल हो जाने को मुद्दा बना रही है. 19 अप्रैल को मतदाता कवासी लखमा और महेश कश्यप के भाग्य का फैसला कर देंगे. 4 जून को पता चल जाएगा कि अगले 5 साल के लिए बस्तर का बॉस कौन होगा.
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