हाइलाइट्स
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बीजेपी उम्मीदवार महेश कश्यप ने भरा पर्चा
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कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने भी भरा नामांकन
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बस्तर लोकसभा के लिए 19 अप्रैल को होगा चुनाव
Bastar Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बस्तर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार महेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने आज नामांकन के अंतिम दिन पर्चा भरा. इस दौरान दोनों पाटियों के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे. बता दें कि बस्तर लोकसभा के लिए 19 अप्रैल को चुनाव होगा.
दोनों पाटियों के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे
बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप ने कलेक्टोरेट पहुंचकर नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर सीएम विष्णुदेव साय, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरन सिंह देव, मंत्री केदार कश्यप भी मौजूद रहे. तो वहीं कवासी लखमा ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया.
बस्तर लोकसभा सीट (Bastar Lok Sabha Seat) पर नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपनी ताकत दिखाई. जगदलपुर में बीजेपी और कांग्रेस की नामांकन रैली में जोरदार उत्साह दिखा. सीएम विष्णु देव साय ने बीजेपी की सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. दूसरी तरफ कांग्रेस की नामांकन रैली को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लोकतंत्र के लिए बीजेपी को खतरा बताया.
सीएम साय ने कांग्रेस पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नामांकन रैली को संबोधित करते हुए महेश कश्यप के लिए आशीर्वाद मांगा. उन्होंने कहा कि महेश कश्यप आप लोगों के बीच के हैं. जनसेवा में लंबे समय से लगे हुए हैं. वे संस्कृति की रक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं. मोदी की गारंटी पर भरोसा कर आपने प्रदेश में भाजपा को आशीर्वाद दिया है. आपने बस्तर की 8 सीटों पर जीत दिलाई. फिर मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है. कांग्रेस की जमानत जब्त होनी चाहिए.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 5 साल कांग्रेस की सरकार प्रदेश को लूटती रही. बस्तर और सरगुजा का विकास रोकने का काम किया. कांग्रेस सरकार आदिवासी विरोधी रही है. उन्हें एक बार फिर सबक सिखाने का मौका मिला है. कांग्रेस लोक लुभावने वादे तो करती रही, लेकिन जो किया सब जानते हैं.
बीजेपी की वजह से लोकतंत्र पर खतरा: बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस की नामांकन रैली में कहा कि बीजेपी की वजह से लोकतंत्र पर खतरा बना हुआ है. हमने बस्तर हो या छत्तीसगढ़, सभी जाति के लोगों के हित में काम किया है. हमारी सरकार में सभी के जेब में पैसे गए हैं.
वहीं भाषण शुरू होने से पहले सभा स्थल के एंट्री पॉइंट पर विवाद हो गया. तभी भूपेश बघेल ने विवाद होता देख देख पुलिसवालों से कहा कि आने दो वे हमारे साथी हैं. बघेल ने कहा कि पुलिसवाले ऐसा तो करेंगे ही सरकार जो बदल गई है. विवाद जब तक खत्म नहीं करोगे, मैं भाषण नहीं करूंगा.
1500 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल
वहीं बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप के नामांकन से पहले नामांकन सभा में जगदलपुर मेयर सफीरा साहू सहित 1500 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए. सीएम विष्णु देव साय ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर और पटका पहनाकर स्वागत किया. सीएम ने कहा कि आज जगदलपुर मेयर सहित हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं. सभी का स्वागत है.
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बस्तर से निर्दलीय उम्मीदवार जीतते रहे
बस्तर लोकसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. 1952 में पहली बार यह सीट अस्तित्व में आई थी. वर्ष 1952 के पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मुचाकी कोसा ने 83.05 प्रतिशत वोट की रिकॉर्ड जीत हासिल की थी. आज तक कोई भी उम्मीदवार इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है. इसके बाद के इतिहास में अधिकतम वोट कांग्रेस के मनकूराम सोढ़ी के नाम पर है. 1984 के चुनाव में उन्हें 54.66 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस ने आदिवासी बाहुल्य बस्तर में निर्दलीय उम्मीदवारों के वर्चस्व को साल 1980 में तोड़ा, हालांकि यह केवल दो चुनावों तक ही सीमित रहा.
निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र कर्मा ने 1991 में फिर कांग्रेस को हराकर जीत दर्ज की थी. इसके बाद 20 सालों तक यहां पर कमल खिलते रहे. फिर 2019 के चुनाव में दीपक बैज ने बीजेपी के बैदूराम कश्यप को हराया. बस्तर से लगातार 4 बार 1998 से 2009 तक बलिराम कश्यप सांसद रहे. वहीं बीजेपी के दिनेश कश्यप 2011 और 2014 में यहां से सांसद बने. पिछले डेढ़ दशक तक बस्तर सीट पर कश्यप परिवार का दबदबा रहा.