Advertisment

Bastar Dussehra 2023: मावली परघाव रस्म हुई संपन्न, बस्तरवासियों ने जगह-जगह किया भव्य स्वागत

छत्तीसगढ़ के बस्तर में मनाए जाने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण मावली परघाव की रस्म सोमवार को देर रात अदा की गई।

author-image
Agnesh Parashar
Bastar Dussehra 2023: मावली परघाव रस्म हुई संपन्न, बस्तरवासियों ने जगह-जगह किया भव्य स्वागत

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में मनाए जाने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण मावली परघाव की रस्म नवरात्रि के नवमी के दिन सोमवार को देर रात अदा की गई।

Advertisment

मावली माता और दंतेश्वरी देवी  के मिलन की इस रस्म को जगदलपुर दंतेश्वरी मंदिर परिसर के कुटरूबाढ़ा में सम्पन्न किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ा।

माता मावली की डोली पहुंची जगदलपुर

रियासत कालीन परंपरानुसार मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ दंतेवाड़ा से महाष्टमी तिथि पर पूजा अनुष्ठान के बाद 22 अक्टूबर को मां दंतेश्वरी के छत्र एवं माता मावली की डोली सुसज्जित वाहन से रवाना हुई।

publive-image

जिसका देतेवाड़ा से जगदलपुर तक जगह-जगह भव्य स्वागत श्रृद्धालुओं ने किया।

Advertisment

विधि-विधान के साथ छत्र को स्थापित किया

माता मावली की डोली एवं दंतेश्वरी के छत्र को आज 23 अक्टूबर की सुबह 03 बजे निर्धारित जिया डेरा में विधि-विधान के साथ स्थापित किया है, जहां बड़ी संख्या में श्रृद्धालु दर्शनार्थ पंहुच रहे हैं।

31 दिसंबर तक स्थापित रहेगा दंतेश्वरी का छत्र

आज देर शाम मावली परघाव पूजा विधान में माता मावली की डोली एवं दंतेश्वरी का छत्र शामिल होगी और स्वागत सत्कार के साथ मां दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित किया जायेगा।

publive-image

माता की विदाई पूजा विधान 31 दिसंबर तक मां दंतेश्वरी मंदिर में माता मावली की डोली एवं दंतेश्वरी का छत्र दशनार्थ स्थापित रहेंगे।

Advertisment

 राजपरिवार के लोग भी होते है शामिल

परंपरा अनुसार इस रस्म में दंतेवाड़ा से मावली देवी की छत्र और डोली को जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर लाया जाता है।

जिसका स्वागत बस्तर के राजपरिवार और बस्तरवासियों के द्वारा किया जाता है।

बता दें कि धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के प्रति समादर का भाव रखने वाली सदियों पुरानी रस्म का नाम मावली परघाव है।

Advertisment

publive-image

मावली देवी हैं के स्वागत को परघाव कहते हैं। सोमवार की रात जगदलपुर शहर में देवी के स्वागत में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा था।

गीदम रोड स्थित जिया डेरा से नवमीं की शाम मांई की डोली निकलती है और सिंहड्योढ़ी तक आती है।

जगह-जगह लोग इसका स्वागत करते हैं। इस दौरान जमकर आतिशबाजी हुई और उत्साह का माहौल दिखा।

हजारों की संख्या में हर साल होते हैं शामिल

मंगलवार देर रात दंतेवाड़ा से पहुंची मावली माता की डोली और छत्र का बस्तर के राजकुमार ने भारी आतिशबाजी और फूलों से भव्य स्वागत किया। दंतेश्वरी मंदिर के परिसर में मनाए जाने वाली इस रस्म को देखने हजारों की संख्या में हर साल लोग पहुंचते हैं।

600 सालों  से मनाई जा रही यह रस्म

मान्यता के अनुसार 600 सालों  से इस रस्म को धूमधाम से मनाया जाता है. बस्तर के महाराजा रुद्र प्रताप सिंह डोली का भव्य स्वागत करते थे, यह परंपरा आज भी बस्तर में बखूबी निभाई जाती है और अब बस्तर के राजकुमार कमलचंद भंजदेव इस रस्म की अदायगी करते हैं।

ऐसे शुरू हुई मालवी परघाव रस्म

मावली देवी का बस्तर दशहरा पर्व में यथोचित सम्मान और स्वागत करने के लिए मावली परघाव रस्म शुरू की गई।

बस्तर के जानकार हेमंत कश्यप के मुताबिक नवरात्रि के नवमी के दिन दंतेवाड़ा से आई मावली देवी की डोली का स्वागत करने बस्तर राजपरिवार सदस्य, राजगुरु और पुजारी के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि राजमहल से मंदिर के परिसर कुटरुबाड़ा तक आते हैं।

उनकी अगवानी और पूजा-अर्चना के बाद देवी की डोली को बस्तर के राजकुमार कंधों पर उठाकर राजमहल स्थित देवी दंतेश्वरी के मंदिर में लाकर रखते हैं. जिसके बाद इसे दशहरा पर्व समापन होने तक मंदिर के अंदर रखा जाता है।

बुधवार को होगी भीतर रेनी पूजा

बस्तर दशहरा की  बुधवार को भीतर रेनी पूजा होगी। इस रस्म में बुधवार शाम को शहर परिक्रमा के लिए निकलेगा विजय रथ। बस्तर दशहरा में इस तरह की 75 रस्में अदा की जाती हैं। जिसमें बेल की विदाई, निशा यात्रा आदि शामिल हैं। दुमंजिला कष्ठ रथ की नगर की परिक्रमा करता है जो कि पर्व का आकर्षण केंद्र होता है।

ये भी पढ़ें:

Sabudana Dosa Recipe: ब्रेकफास्ट या लंच में खाएं हेल्दी साबूदाना डोसा, ये रही बनाने की रेसिपी

Dussehra 2023: रायपुर पुलिस ने बनवाया रावण का अनोखा पुतला, ‘साइबर रावण’ दिया नाम

World Cup 2023: IND vs NZ मैच में टूटा व्यूअरशिप का रिकॉर्ड, 4.3 करोड़ लोगों ने OTT पर देखा मैच

UP News: कांग्रेस से विवाद के बीच अखिलेश यादव की लगी होर्डिंग, सपा अध्यक्ष को बताया देश का भावी प्रधानमंत्री

Inspirational Hindi Story: मानव और प्राणी मात्र की सेवा धर्म ही असली भक्ति है, पढ़िए एक प्रेरक कहानी

मावली परघाव रस्म, बस्तर दशहरा, बस्तर दशहरा 2023, दशहरा पर्व 2023, जगदलपुर न्यूज, Mavli Parghaav Ceremony, Bastar Dussehra, Bastar Dussehra 2023, Dussehra Festival 2023, Jagdalpur News,

jagdalpur news जगदलपुर न्यूज Dussehra Festival 2023 दशहरा पर्व 2023 Bastar Dussehra 2023 बस्तर दशहरा 2023 Bastar Dussehra बस्तर दशहरा Mavli Parghaav Ceremony मावली परघाव रस्म
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें