छत्तीसगढ़। देवी-देवताओं को तरह-तरह की मान्यताओं के साथ पूजा जाता है ऐसी ही एक खबर बस्तर (Bastar Devi Mandir) से सामने आई है जहां पर कोटमसर में देवी बास्ताबुंदिन को काला चश्मा (Black Goggle) चढ़ाया जाता है। हर तीन साल में इस परंपरा को भक्तों द्वारा निभाया जाता है।
जानें क्या है पूरी खबर
आपको बताते चलें कि, बस्तर जिले के ग्राम कांगेरवैली नेशनल कोटमसर में हर तीन साल में मां बस्ताबुंदिन की यात्रा का आयोजन किया जाता है, जहां पर माता को पूजन के साथ काला चश्मा चढ़ाया जाता है। इसे लेकर मान्यता है कि, चश्मा चढ़ाने से मां उनके जंगलों को बुरी नजर से बचाती हैं, जिस परम्परा को आज यहां युवा पीढ़ी भी अपना रहे हैं। इस आयोजन के मौके पर बड़ा मेला लगता है तो वहीं पर खेती को किसी की नजर न लगे इसलिए चश्मा चढ़ाया जाता है।
छत्तीसगढ़: बस्तर के कोटमसर में देवी बास्ताबुंदिन को काला चश्मा चढ़ाने की अनूठी और रोचक परंपरा है।
एक स्थानीय ने बताया, “3 साल में एक बार यहां आयोजन किया जाता है, बड़ा मेला भी लगता है। खेती को किसी की नज़र न लगे इसलिए चश्मा चढ़ाया जाता है। कई पीढ़ियों से ये चलता आ रहा है।” pic.twitter.com/0IQnqWboxa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 10, 2022
पूरे गांव में अपनाते है परंपरा
आपको बताचे चलें कि, इसे लेकर आदिवासियों की संस्कृति के जानकार ने बताया कि, पहले गांव के एक ही परिवार के द्वारा माता की पूजा कर मां को काला चश्मा भेंट किया जाता था लेकिन अब पूरे गांव के लोग अपनाते है।