नई दिल्ली। Basant Panchami 2023 : मां सरस्वती के लिए सबसे खास माना जाने वाला त्योहार बसंत पंचमी इस साल 26 जनवरी को मनाया जाएगा। वैसे तो इस दिन मां सरस्वती की पूजा होती है लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन तक्षक नाग के पूजन का भी विशेष महत्व है। ज्योंतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन तक्षक नाग को जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसलिए इस दिन नाग पूजन करने से इनसे संबंधित सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं। तो चलिए जानते हैं दूसरा इस साल बसंत पंचमी कब आ रही है।
इस दिन है बसंत पंचमी —
ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खंपरिया (9993604311)के अनुसार इस वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी को मनाई जाएगी। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
नाग पूजन से ये दोष होंगे दूर —
पंडित खंपरिया के अनुसार इस दिन सर्प पूजन का विशेष महत्व है। जिन लोगों को कालसर्प दोष है उन लोगों को इस दिन आटे या पीतल का सर्प बनाकर पूजन जरूर कराना चाहिए।
इन मंत्रों का करें जाप —
ॐ बुध जन्म्ये नम:
ब्रहृमी औषधी का है महत्व —
बसंत पंचमी पर ब्रहृमी औषधी का अपना अलग महत्व है। एमपी के सागर स्थित सरस्वती मंदिर में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को बृहृमी औषधी का भोग लगाया जाता है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।
शुरू होता है विद्यारंभ संस्कार —
हिन्दू मान्यता अनुसार इस दिन बच्चों Basant Panchami 2023 : का विद्यारंभ संस्कार किया जाएगा है। ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। तो वही व्यापारी भी वसंत पंचमी को सरस्वती पूजन भी कहते हैं। आइए जानते हैं इस बार सरस्वती पूजन का मुहूर्त क्या है। हिन्दू कैलेंडर (Panchang) के अनुसार, माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व मनाते हैं। इस दिन ही ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं। हिन्दू धर्म में सरस्वती पूजा के दिन बच्चों की शिक्षा प्रारंभ कराने या अक्षर ज्ञान शुरू कराने की परंपरा है। वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा क्यों होती है, इसके पीछे भी पौराणिक मान्यता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष सरस्वती पूजा कब है? पूजा का मुहूर्त क्या है?
इसलिए होता है सरस्वती पूजन —
ऐसी मान्यता है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती का ब्रह्माजी के मुख से अवतरण हुआ था। इसलिए ये दिन इनके नाम समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी को पूजा करने से मां सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।