Monsoon Joint Pain: बरसात का मौसम अपने साथ राहत और ठंडक तो लाता है, लेकिन यह मौसम बुजुर्गों और गठिया (Arthritis) से पीड़ित लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है। खासकर जोड़ों के दर्द की समस्या इस मौसम में तेजी से बढ़ती है। वातावरण में बढ़ी नमी, गिरता तापमान और कम होती शारीरिक गतिविधि इस दर्द को और भी असहनीय बना देते हैं।
अगर आपको भी बारिश के दिनों में जोड़ों में सूजन, जकड़न या तेज दर्द की शिकायत होती है, तो घबराएं नहीं। आज हम आपको बताएंगे इस दर्द के पीछे के वैज्ञानिक कारण, और ऐसे घरेलू उपाय जो बिना दवा के भी दे सकते हैं आराम।
बरसात में जोड़ों में दर्द क्यों होता है?
1. नमी और तापमान में गिरावट
बरसात के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है और तापमान कम हो जाता है, जिससे जोड़ों की मांसपेशियां और स्नायु सिकुड़ने लगते हैं। इससे सूजन, जकड़न और दर्द होता है।
2. ब्लड सर्कुलेशन में कमी
ठंड और उमस की वजह से रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे जोड़ों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे दर्द बढ़ जाता है।
3. पुरानी चोटों का उभरना
जिन लोगों को पुराने फ्रैक्चर, चोट या गठिया की शिकायत रही हो, उनके लिए यह मौसम काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पुरानी सूजन दोबारा उभर सकती है।
4. पाचन तंत्र कमजोर होना
बरसात में डाइजेस्टिव सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे शरीर में विषैले पदार्थ (toxins) जमा होने लगते हैं, और वे सूजन का कारण बनते हैं।
5. कम होती शारीरिक गतिविधि
बारिश के कारण लोग बाहर निकलने से कतराते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और जोड़ों की गतिशीलता घट जाती है।
जोड़ों के दर्द के घरेलू इलाज
1. हल्दी वाला दूध
रात को एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। हल्दी में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
2. सरसों या नारियल तेल से मालिश
हल्के गर्म सरसों या नारियल तेल से जोड़ों की मालिश करने से रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द में कमी आती है।
3. गर्म पानी से सेंक
गर्म पानी की बोतल से जोड़ों पर सेंक करने से सूजन कम होती है और मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं।
4. अदरक और लहसुन का सेवन
ये दोनों प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी हैं। इन्हें भोजन में शामिल करने से जोड़ों की सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
5. योग और हल्की एक्सरसाइज
नियमित रूप से वज्रासन, भुजंगासन और त्रिकोणासन जैसे योगासन करने से जोड़ों की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है और दर्द कम होता है।
6. आंवला या त्रिफला का सेवन
ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हड्डियों को मजबूती देती हैं और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालती हैं।
बचाव के लिए ध्यान देने योग्य बातें (Prevention Tips)
- नमी या ठंडी जगहों में ज्यादा देर न रहें।
- खुद को गर्म रखें, खासकर हाथ और पैरों को।
- सुपाच्य और संतुलित आहार लें जैसे मूंग दाल, हरी सब्जियां, और देसी घी।
- पर्याप्त पानी पिएं, क्योंकि हाइड्रेशन भी जोड़ो की सेहत के लिए जरूरी है।
- भारी सामान उठाने से बचें और जोड़ों पर अनावश्यक भार न डालें।