Baredi Dance: मार्शल आर्ट एक वो कला है, जिसे यूरोपीय देशों के लोग दूसर व्यक्ति पर प्रहार करने के लिए करते है, यह कला लोगों को शरीर रक्षा करने में सक्षम बनाती है।
कुछ इसी तरह, कार्तिक मास की अमावस्या के बाद बुंदेलखंड(Bundelkhand) में बरेदी नृत्य होता है, जो दिवाली के दूसरे दिन परमा और भाई दूज को किया जाता है। इस नृत्य में लाठी का उपयोग ‘मार्शल आर्ट’ से कम नहीं है।
बरेदी दिवारी नृत्य (Baredi Diwari Dance) को पाई डंडा नृत्य के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा नृत्य पूरे देश में कहीं पर नहीं होता है।
कैसे किया जाता है बरेदी नृत्य?
बता दें कि बरेदी दिवारी नृत्य (Baredi Diwari Dance) करने के दौरान लोग पैरों में घुंघरू , कमर में पट्टा बांधकर और हाथों में लाठियां लेकर एक-दूसरे पर तड़ातड़ वार करते हैं, जिसे देखकर दिल दहल जाते हैं।
हालांकि लाठियों के वार से किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं पहुंचती है। जिसे अहीर ग्वाले समुदाय के लोग आज भी संजोए हुए हैं।
इन जिलों में रहती है बरेदी नृत्य की धूम
बरेदी नृत्य (Baredi Dance) की धूम दिवाली के दूसरे दिन पूरे बुंदेलखंड(Bundelkhand) में रहती है, यह नृत्य मध्यप्रदेश के जबलपुर, दमोह, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, रीवा और सतना के अलावा यूपी के चित्रकूट, बांदा, झांसी, महोबा, हमीरपुर और ललितपुर में किया जाता है।
बरेदी नृत्य की खासियत
बरेदी नृत्य (Baredi Dance) करने वाले सभी लोगों के पास मयूर पंख या फिर लाठियां होती है, इसके साथ ही पैरों में घुंघरू और कमर में पट्टा और आंखों के इशारों पर लाठी का प्रहार किया जाता है।
ये भी पढ़ें:
SRI Release Date: अगले साल 10 मई को रिलीज होगी राजकुमार राव की फिल्म, जानें क्या है फिल्म की कहानी
Bigg Boss 17: फिर एक बार गुस्से में तिलमिलाई प्रियंका की बहन, इस कंटेस्टेंट को बताया कैरेक्टरलेस
Delhi Air Quality: दिवाली से पहले जहरीली हवा से राजधानी को मिलेगी राहत, जानिए रिपोर्ट में
Baredi Dance, Baredi Dance of Bundelkhand, Baredi Diwari Nrityam, Diwali 2023, Bundelkhand Martial Arts Dance,bundelkhand baredi dance