मथुरा। नववर्ष और शीतकालीन अवकाश के दौरान वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन के लिए आ रहे श्रद्धालुओं के हुजूम को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने आगामी पांच जनवरी तक भीड़भाड़ के मद्देनजर बच्चों-बुजुर्गों, महिलाओं और रोगियों को मंदिर नहीं लाने की अपील की है। इसका मकसद भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका को टालना है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसा हादसा ना हो
दूसरी ओर, जिला प्रशासन भी इस प्रयास में जुटा हुआ है कि बांके बिहारी के दर्शन कर नववर्ष का स्वागत करने के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ को किस तरह नियंत्रित किया जाए, जिससे पिछली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसा हादसा न हो। इस हादसे में एक महिला सहित दो श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव के बीच बेहोश होने के बाद मौत हो गई थी। मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि नववर्ष के आगमन से पहले भक्तजनों के लिए अपील जारी की गई है कि वे आगामी पांच जनवरी तक बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और रोगी व्यक्तियों को मंदिर न लाएं, क्योंकि इन दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में बेहिसाब वृद्धि हो जाने के मद्देनजर उन्हें संभालना दूभर हो रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए सभी दर्शनार्थियों से कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी एहतियाती उपायों पर अमल करने का आग्रह किया गया है।
सुरक्षा दुरुस्त रखने का निर्देश जारी
इनमें मास्क लगाने, भीड़ एकत्रित होने से रोकने और दो गज की सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे उपाय शामिल हैं। इस बीच, जिलाधिकारी पुलकित खरे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार को मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया तथा श्रद्धालुओं को कतार में लगाकर दर्शन कराने, बाजार में बाहरी वाहनों का प्रवेश न होने देने एवं सुरक्षा दुरुस्त रखने का निर्देश दिया।