नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई हो या चाहे पैसों Bank FDs Key Factors : को सुरक्षित रखने की बात, लोग अपने पैसे को सेफ करने के लिए एफडी में पैसा रखना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंकों में पैसा सेफ रहता है साथ ही इसमें रिटर्न की गारंटीड मिलता है। वैसे तो बाजार में उतार-चढ़ाव का कोई खतरा नहीं होता लेकिन फिर भी कुछ बातें हैं जिसे आपको ध्यान रखने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं क्या हैं वे खास बातें, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
नहीं होता पूरा पैसा सेफ
हम सोचते हैं कि बैंक एफडी करने से पैसा पूरी तरह सेफ हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें वैसे तो एफडी में रकम सुरक्षित ही होती है, लेकिन अगर किसी कंडीशन में बैंक डिफाल्ट कर जाए, तो आपको अपनी एफडी का पूरा पैसा नहीं मिलता। यानि निवेशकों की सिर्फ 5 लाख तक की डिपॉजिट ही सेफ रहती है। यही नियम फाइनेंस कंपनियों पर भी लागू होता है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही इंश्योरेंस गारंटी देता है।
बढ़ती महंगाई घटा देती है मुनाफा
आपको बता दें बैंकों द्वारा एफडी रिटर्न पर जो ब्याज दिया जाता है वो फिक्स होता है। साथ ही इसे पहले से ही तय कर दिया जाता है। लेकिन जब महंगाई लगातार बढ़ती है तो इस कंडीशन में महंगाई को एडजस्ट करें, तो एफडी पर मिलने वाला रिटर्न मौजूदा दौर की तुलना में बहुत कम होता है। उदाहरण के लिए महंगाई दर 6 फीसदी हो गई है और एफडी पर ब्याज 5-6 फीसदी ही है तो ये आपको लिए निगेटिव रिटर्न ही कहलाएगा।
जरूरत पर पैसा निकालने में नुकसान
आपको बता दें बैंक एफडी में लिक्विडिटी एक कारण होता है। अगर आपने एफडी की है और उसे बीच में तोड़ना चाहते हैं तो आपको बता दें वैसे तो जरूरत पड़ने पर एफडी तोड़ी जा सकती है, लेकिन इस पर आपको प्री-मैच्योर पेनल्टी देनी पड़ती है। यानि बैंक उस महीने का ब्याज आपको नहीं देती है। हालांकि एफडी पर लगने वाला पेनल्टी अमाउंट क्या होगा। ये अलग अलग बैंकों में अपने अनुसार तय किया जा सकता है। अगर आपने कोई टैक्स सेविंग एफडी में निवेश किया हुआ है। तो इसे आप 5 साल की अवधि से पहले भी निकाल सकते हैं। लेकिन एक बार ध्यान रखनी होगी इस कंडीशन में आपको इनकम टैकस छूट का फायदा नहीं मिलेगा।
रीइन्वेस्टमेंट ऑप्शन में नुकसान
कई बार ऐसा होता है कि आप एफडी में रीइन्वेस्टमेंट का विकल्प चुनते हैं। लेकिन यहां आपको यह ध्यान रखना होगा कि अगर बाजार में ब्याज दरें और घट रही हो, तो तो आपका एफडी पुराने रेट पर नहीं होगा, बल्कि यह घटे हुए ब्याज दर पर ही होगा। ऐसे में आपको पहले से कम रिटर्न मिलेगा।
बैंक अपने आप कर देता है रिन्यू —
आप जब भी एफडी कराएं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसकी दिनांक आप याद रखें या कहीं नोट कर लें। ऐसा न करने की कंडीशन में आपकी एफडी बैंक अपने आप रिन्यू कर देता है। ऐसे में आपको ध्यान रखना होगा कि एफडी कंप्लीट होने के दो दिन पूर्व बैंक में जाकर एक एप्लीकेशन दें। अगर आप एफडी को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एफडी पर लिखकर देना होगा। कि आप उसे आगे कंटीन्यू नहीं करना चाहते। साथ ही आपको एक जमा पर्ची भी भरनी होगी। जिस पर खाताधारक संबंधी सभी जानकारी भरी जाएगी।
1 दिन के अंतर से नुकसान
अमूमन लोग FD राउंड फिगर कहलाने वाली अवधि जैसे 6 माह, 1 साल, 2 साल आदि के हिसाब से कराते हैं। कुछ बैंकों में इस राउंड फिगर अवधि के लिए, इससे 1 या थोड़े ज्यादा दिन या कम दिनों के लिए FD पर ब्याज दर अलग-अलग होती है। इसलिए FD खुलवाने से पहले FD अवधि और उस पर मिलने वाले ब्याज की अवधि के लिए पता जरूर कर लें। हो सकता है कि राउंड फिगर अवधि के बजाय थोड़े दिन कम या ज्यादा पर कुछ एक्स्ट्रा ब्याज मिल जाए।
टैक्स सेविंग एफडी क्या होती है?
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving Fixed Deposit) एक बेहतरीन टैक्स सेविंग स्कीम है जिसमें पांच साल के लिए पैसे निवेश किए जा सकते हैं। इसे एक लॉंग टर्म निवेश माना जाता है। इसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलता है।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।