नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ‘सांठगांठ वाले पूंजीपतियों’ (क्रोनी) के हाथों में बेचना देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण (Privatisation of Banks) के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। सोमवार को हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ था। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक क्लीयरेंसऔर कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ। आज भी इन सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है। यूनियन नेताओं ने दो दिन की इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया है।
केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है।
सरकारी बैंक मोदी मित्रों को बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा से खिलवाड़ है।
मैं हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों के साथ हूँ।#BankStrike
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 16, 2021
प्राइवेट बैंकों में एक तिहाई बैंकिंग सेवाएं रहेंगी सामान्य
एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों की सेवाओं में एक तिहाई बैंकिंग सेवाएं सामान्य रहने की उम्मीद है।
हड़ताल में ये संगठन हैं शामिल
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), बैंक इम्प्लॉइज कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई), इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू), नेशन आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स (एनओबीओ) के 10 लाख से अधिक अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं।