Violence in Bangladesh: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों और आम लोगों के द्वारा जमकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतरकर आरक्षण समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
बांग्लादेश के बड़े शहरों में इसको लेकर भारी हंगामा मचा हुआ है। अब तक इस हिंसक प्रदर्शन में 6 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 100 से अधिक प्रदर्शनकारी इसमें घायल हुए हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत अलग-अलग शहरों में बिगड़ते हालात और हिंसक प्रदर्शन के बाद स्कूल-कॉलेज और मदरसे को बंद कर दिया गया है।
शहरों में BGP तैनात
आरक्षण को समाप्त करने के लिए सबसे ज्यादा प्रदर्शन यूनिवर्सिटी परिसरों में किया जा रहा है। इसको देखते हुए कई यूनिवर्सिटीज के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। जबकि हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए अधिकारियों ने एहतियात बरतते हुए चार मुख्य शहरों में अर्धसैनिक बल गार्ड के जवानों को भी तैनात किया गया है।
बता दें कि अभी तक इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़पों में छह लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शन में अधिकतर ढाका, चटगांव और उत्तर पश्चिमी रंगपुर के प्रदर्शनकारी शामिल हैं। वहीं, इसमें 3 छात्रों की मौत हो चुकी है।
बांग्लादेश की आरक्षण व्यवस्था
- बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। ये वह स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने 1971 की लड़ाई में अहम भूमिका को निभाया था।
- बांग्लादेश में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।
- जबकि 10 फीसदी आरक्षण अलग-अलग जिलों के लिए तय किए गए हैं।
- एथनिक माइनोरिटी जैसे संथाल, चकमा पांखो, त्रिपुरी और खासी के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण आरक्षित किया गया है। जबकि हिंदुओं के लिए अलग से किसी भी तरह का आरक्षण नहीं है।
- बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में इन सभी आरक्षणों को जोड़कर 56 प्रतिशत होता है। वहीं, बचा 44 प्रतिशत मैरिट के लिए रखा गया है।
बसों में लगाई आग
बांग्लादेश में भारी हिंसा के कारण भीड़-भाड़ वाले अलग-अलग स्थानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। मंगलवार को अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने मोलोटोव कॉकटेल विस्फोटक के जरिए बसों में आग लगा दी थी। जबकि दूसरे शहरों में अन्य घटनाएं भी सामने आ रही हैं। पूरे देश में फैलते हिंसक प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज, मदरसे और पॉलिटेक्निक संस्थान को बंद किया गया है। वहीं, हिंसक प्रदर्शन को लेकर बांग्लादेश के छात्र-छात्राओं ने कहा कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली बड़े पैमाने पर सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन रोक रही है।
4 शहरों में सड़क-रेल मार्ग को किया बाधित
प्रदर्शनकारियों ने देश के चार महत्वपूर्ण के मध्य ढाका, उत्तर पश्चिम राजशाही, दक्षिण पश्चिम खुलना और चट्टोग्राम में राजमार्ग और रेल मार्ग को बाधिक किया गया है। ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए एक हफ्त से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाया था।
छात्रों की मांग है कि मौजूद आरक्षण प्रणाली में सुधार किया जाए और प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह सोमवार को ढाका और उसके आसपास के इलाकों में स्थित दो सरकारी विश्वविद्यालयों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, मगर उसी समय सत्तारूढ़ पार्टी के छात्रों ने लाठी, पत्थर और चाकू से हमला कर दिया था, जिससे इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया।