/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/nYuIxgwX-MP-Weather-Update.webp)
Bangladesh ISKCON Controversy
Bangladesh ISKCON Controversy: बांग्लादेश ISKCON ने गुरुवार 28 नवंबर को चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटा दिया। संगठन के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने चिन्मय प्रभु पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया और कहा कि उनकी गतिविधियों का इस्कॉन से कोई लेना-देना नहीं है। चारु चंद्र दास के मुताबिक चिन्मय की गिरफ्तारी के विरोध में वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत से उनके संगठन का कोई लेना-देना नहीं है।
https://twitter.com/iskcon/status/1862192386975138204
ISKCON पर रोक की याचिका खारिज
[caption id="attachment_706720" align="alignnone" width="751"]
Bangladesh ISKCON Controversy[/caption]
इससे पहले ढाका हाई कोर्ट ने ISKCON पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। ढाका कोर्ट में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि हमने ISKCON की गतिविधियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की है। यह मुद्दा बांगलादेश सरकार की प्राथमिकता में है।
सरकार ने कहा कि इस्कॉन मामले में अब तक 3 मामले दर्ज किए गए हैं और इन मामलों को लेकर 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। देश में किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए सेना तैनात की गई है।
पीएम ने जयशंकर से की बात
[caption id="attachment_706739" align="alignnone" width="748"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
दरअसल देशद्रोह के आरोप में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद संगठन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। दास को जेल भेजे जाने के बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंसा हुई।
इसके अलावा, इससे बांग्लादेश और भारतीय सरकारों के बीच रिश्ते भी तनावपूर्ण हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में इस्कॉन मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। विदेश मंत्री ने उन्हें वहां के हालात की जानकारी दी।
ममता बनर्जी ने किया सर्मथन
[caption id="attachment_706738" align="alignnone" width="743"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले पर केंद्र के साथ हैं। विधानसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने बंगाल में इस्कॉन से बात की है। वहीं, भारत में इस्कॉन के संचार निदेशक ब्रिजेंड नंदन दास ने बांग्लादेश में इस्कॉन के आतंकवादी और कट्टरपंथी संगठन होने के आरोपों को निराधार और झूठा बताया।
उन्होंने कहा कि भारत और पूरी दुनिया में कोई भी इन आरोपों को स्वीकार नहीं करेगा। दास ने कहा कि बांग्लादेश में जरूरतमंदों की मदद करने वाले और भंडारा आयोजित करने वाले श्रद्धालुओं की हत्या कर दी गई है। मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करेगी।'
शेख हसीना ने की चिन्मय की रिहाई की मांग
[caption id="attachment_706737" align="alignnone" width="744"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा की है और अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने को कहा है। हसीना ने कहा कि सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। हसीना ने कहा कि चटगांव में एक मंदिर जला दिया गया।
इससे पहले चर्चों, घरों और अहमदिया समुदाय की मस्जिदों पर हमले किए गए थे। शेख हसीना ने सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। हसीना का बयान उनकी पार्टी अवामी लीग ने एक्स पर पोस्ट किया था।
इस्कॉन एक कट्टरपंथी संगठन- बांग्लादेश सरकार
[caption id="attachment_706731" align="alignnone" width="744"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
26 नवंबर को बांगलादेश के चटगांव में ISKCON प्रमुख की जमानत खारिज कर दी गई, जिसके बाद हुई हिंसा में वकील सैफुल इस्लाम की मौत हो गई। इसके बाद 27 नवंबर को बांग्लादेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर ISKCON पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।
याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट को बताया कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग हैं। ऐसे में इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. याचिका में चटगांव में आपातकाल घोषित करने की भी मांग की गई है। इस याचिका पर बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मुहम्मद असदुज़मान ने इस्कॉन को धार्मिक कट्टरपंथी संगठन बताया था।
यह भी पढ़ें- Bangladesh Hindu Temple: हिंदुओं के मंदिर में हुई तोड़-फोड़, जानें बांग्लादेश के प्राचीन हिन्दू मंदिरों के बारे में
कौन हैं चिन्मय प्रभु?
[caption id="attachment_706735" align="alignnone" width="752"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वह चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को देश छोड़ दिया। इसके बाद हिंदुओं के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई।
जिसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन किया गया। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के माध्यम से चिन्मय ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया। इसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
चिन्मय प्रभु को क्यों किया गया गिरफ्तार?
[caption id="attachment_706734" align="alignnone" width="744"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
सनातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर 25 अक्टूबर को चटगांव के लालदिघी मैदान में रैली की। इसमें चिन्मय कृष्ण दास ने भाषण दिया। इसी बीच न्यू मार्केट चौक स्थित आजादी स्तंभ पर कुछ लोगों ने भगवा झंडा फहरा दिया। इस झंडे पर 'आमी सनातनी' लिखा हुआ था।
रैली के बाद 31 अक्टूबर को बेगम खालिदा की पार्टी बीएनपी के नेता फिरोज खान ने चटगांव में चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराया। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया।
ऐसे भड़क उठी हिंसा
[caption id="attachment_706733" align="alignnone" width="744"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के बाद चटगांव में पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर रही है। हिंदू बहुल हजारीलेन और कोतवाली इलाके से 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 6 पर वकील की हत्या का आरोप है, जबकि बाकी पर बर्बरता और हिंसा भड़काने का आरोप है। छापेमारी की आशंका से हिंदू बस्तियों में भय का माहौल है।
भारत का मामले को लेकर क्या रुख?
[caption id="attachment_706732" align="alignnone" width="748"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
भारत ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हम चिंतित हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए सही मांगें करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।
तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया- बांग्लादेश सरकार
[caption id="attachment_706731" align="alignnone" width="752"]
Bangladesh ISKCON Case[/caption]
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान पर बांग्लादेश ने भी प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह बहुत दुखद है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है।"
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के बयान न केवल तथ्यों को गलत तरीके से पेश करते हैं बल्कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच दोस्ती और आपसी समझ की भावना के भी खिलाफ हैं। बांग्लादेश सरकार यह दोहराना चाहती है कि देश की न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है और सरकार उनके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती है।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें