Bandhavgarh Tiger Rescue: उमरिया का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व हाल ही में एक फंदे में फंसे बाघ के कारण चर्चा में रहा। खबर थी कि वहां एक बाघ के गले में फंदा फंसा हुआ है। इस बाघ की खोज में रिजर्व के उच्च अधिकारी कई दिनों से लगे हुए थे। काफी मेहनत के बाद शुक्रवार को बाघ को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया। करीब 3:30 बजे टाइगर का रेस्क्यू पूरा हुआ।
5वें दिन मिली सफलता
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले चार दिनों से एक फंदे में फंसे बाघ की खोज चल रही थी। इस काम में पांच हाथी और 80 से ज्यादा कर्मचारी शामिल थे। 4 दिन तक जंगल में खोजबीन की गई। पांचवें दिन सफलता मिली, जब फंदे में फंसे बाघ, जिसका नाम छोटा भीम है, उसे सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया। टाइगर की उम्र 7-8 साल है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है। उसके गले में जो फंदा था, उसे हटा दिया गया है। अब उसे निगरानी के लिए एक एंक्लोजर में रखा जाएगा।
बाघ का सफल रेस्क्यू
बाघ के रेस्क्यू के बाद सबसे पहले उसके गले में फंसे तार को काटा गया। फिर बाघ के घाव का प्राथमिक इलाज किया गया और उसे पिंजरे में सुरक्षित रखा गया।
पर्यटकों को दिखा फंदा लगा बाघ
सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक बाघ के गले में फंदा था। इसकी जानकारी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को दी गई। इसके बाद से प्रबंधन ने बाघ की खोज में पूरी ताकत लगा दी। वे हर दिन उस बाघ के घूमने वाले इलाके में उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन बाघ नहीं मिल रहा था। ये बाघ छोटा भीम के नाम से जाना जाता है और इसका क्षेत्र खेतौली जोन है, जहां ये अक्सर पर्यटकों को दिखाई देता है। 4 दिन की मेहनत के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन पांचवें दिन प्रबंधन को सफलता मिली। पांच हाथियों और 80 से ज्यादा कर्मचारियों की मदद से बाघ को पकड़ लिया गया।
5 हाथी और 80 से ज्यादा कर्मचारियों से ट्रैकिंग
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप-संचालक पीके वर्मा ने बताया कि शुरुआत में दो हाथियों और लगभग 50 कर्मचारियों के साथ फंदे में फंसे बाघ की खोज की जा रही थी। लेकिन जब यह पता चला कि बाघ पकड़ना आसान नहीं है, तो चार और हाथियों और लगभग 80 कर्मचारियों के साथ खोज को बढ़ाया गया। फिर भी जब सफलता नहीं मिली तो एक और हाथी बुलाया गया। अब पांच हाथियों और 80 से अधिक कर्मचारियों के साथ बाघ की ट्रैकिंग की जा रही थी, जिसमें 10 ट्रैप कैमरे भी लगाए गए थे।
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भोपाल में होगा छोटा भीम का इलाज
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप-संचालक पीके वर्मा ने कहा कि जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ के विशेषज्ञों की सलाह के बाद उस बाघ को आगे के इलाज के लिए वन विहार भोपाल भेजा जाएगा। वहां उसका उपचार किया जाएगा। छोटा भीम की उम्र लगभग 7 से 8 साल है और इसका सफल रेस्क्यू किया गया है।
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