जगदलपुर। किसी ने सच ही कहा है जहां चाह है वहां राह है यानि आपको अलग पहचान बनाने के Bamboo bicycle लिए अलग ही रास्ते पर चलना होगा और यही कर दिखाया है बस्तर के दो युवाओं ने बांस शिल्प की कारीगरी का इन युवाओं ने अदुभुत मॉडल पेश किया बांस से बनाई उनकी साइकिल लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही है और सबको हैरान कर रही है.
नेचर एक्सपेस संस्था की मिली मदद-
बस्तर की नेचर एक्सपेस संस्था देश की तीसरी और छत्तीसगढ़ की पहली संस्था है जो इस तरह के अनूठा प्रयोग में मदद कर रही है इस बंबू का साइकिल को बस्तर के आदिवासियों की ढोकरा शिल्प, लौह शिल्प, और बांस शिल्प की कारीगरी से बनाया गया है. बस्तर की हस्तशिल्प कला का उपयोग साइकिल की चेचिस, सीट, सीट कवर हैंडल मडगार्ड में किया है इन दो युवा ने आदिवासियों की विलुप्त होती बांस कला को फिर से जीवित करने और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से इस बैम्बूका साइकिल का निर्माण किया है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतारने की तैयारी
जिला प्रशासन के सहयोग से जल्द ही इस साइकिल को बड़े पैमाने पर बाजार में उतारने के तैयारी की जा रही हैं इस साइकिल को बनाने वाले युवा आसिफ खान ने बताया कि वो और उनके सहयोगी तरुण शर्मा ने इस साइकिल के लिए लगातार प्रयास किए और बस्तरिया बांस से बंबू की साईकिल तैयार की.
दो युवाओं की की मेहनत लाई रंग
आसिफ खान और तरुण शर्मा ने मिलकर इस साइकिल को तैयार किया है. कई बार बांस से साइकल बनाने की कोशिश की और कई बार विफल भी होते रहे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार साल भर की मेहनत से उन्होंने बैंबूका साइकिल तैयार कर ली. अब ये साईकिल पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोरी राज्यों में भी धूम मचा रही है।
हल्की और चलने मे स्मूथ
खास बात ये है कि ये साइकिल चलने में हल्की और काफी स्मूथ है इसे तैयार करने में लगभग 28 हजार रुपये लगे. इसमें बांस के साथ-साथ लकड़ी की दूसरी वस्तुओं का भी इस्तेमाल किया गया है बाजार में इसकी कीमत फिलहाल 35 हजार रखी गई है आसिफ खान और तरुण शर्मा का
हालांकि उनका प्रयास है कि अगर उन्हें कहीं से फंड की प्राप्ति होती है और जिला प्रशासन या NMDC प्रबंधन उन्हें बजट देती है तो वे ज्यादा से ज्यादा बैम्बूका साइकल तैयार करने के लिए स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बस्तर की यह बैंबूका साइकल धूम मचाएगी। गौरतलब है कि भारत में कर्नाटक व मुंबई में पहले से ही बांस की साईकिल बनाई जा रही है, वहीं बस्तर में तैयार हो रही बंबूका साइकिल हिंदुस्तान में चौथे नंबर पर है, हालांकि अभी इसके प्रमोशन के लिए काफी कुछ किया जाना है ,वहीं इस साइकिल में काफी वर्क भी किया जा रहा है आसिफ खान के साथ साइकिल बनाने में तरुण शर्मा ने भी काफी मेहनत की है, तरुण शर्मा ने बताया कि अभी साइकिल में काफी कुछ वर्क करने की जरूरत है और लगातार दोनों के द्वारा प्रयास भी किया जा रहा है और जल्द ही इसके अलग-अलग वैरीअंट मार्केट में देखने को मिलेंगे। जिसमें युवाओं के साथ लेडीस और बच्चे भी इस बैम्बूका साइकिल का लुत्फ उठा सकेंगे। हालांकि इसके लिए बजट की काफी कमी है और लगातार फंड के लिए प्रयास भी उनके द्वारा किया जा रहा है। अगर ज्यादा से ज्यादा आर्डर मिलते हैं तो निश्चित तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की यह बैम्बूका साइकल धूम मचाएगी और साइकलिंग के शौकिनो की यह पहली पसंद होगी। बाइट 1 – आसिफ खान , बैम्बूका साइकिल निर्माण बाइट 2 – रजत बंसल – कलेक्टर बस्तर