Bhilai MLA Devendra Yadav: छत्तीसगढ़ से इस वक्त की बड़ी खबर यह है कि भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को बलौदाबाजार हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। देवेंद्र यादव 17 अगस्त से रायपुर जेल में बंद थे। इस मामले में उन्हें जमानत मिलने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव (Bhilai MLA Devendra Yadav) को जमानत देने का आदेश दिया है। यह मामला पिछले साल जून में हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टोरेट और एसपी ऑफिस व अन्य वाहनों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में देवेंद्र यादव समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं आया: कोर्ट
देवेंद्र यादव के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट (Bhilai MLA Devendra Yadav) में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है, जो देवेंद्र यादव के खिलाफ आरोपों को साबित कर सके।
17 अगस्त से जेल में बंद थे देवेंद्र यादव
देवेंद्र यादव को इस मामले में 17 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वे रायपुर जेल में बंद थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही राजनीतिक हलकों में इस मामले को लेकर चर्चा हो रही थी। देवेंद्र यादव के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रताड़ना बताया था।
उनके वकीलों ने कोर्ट में दलील दी थी कि देवेंद्र यादव (Bhilai MLA Devendra Yadav) पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के गिरफ्तार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को सुनते हुए उन्हें जमानत देने का फैसला किया।
क्या है बलौदाबाजार हिंसा मामला
बलौदाबाजार हिंसा मामला पिछले साल जून में सामने आया था। जहां जैतखाम को क्षति पहुंचाने के विरोध में सतनामी समाज ने विरोध जताया था। यह विरोध धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया और पूरे शहर में प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले (Bhilai MLA Devendra Yadav) कर दिया था। इसके अलावा कलेक्ट्रेट में आग लगा दी थी, इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए थे।
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हिंसा भाड़काने का लगा है आरोप
विधायक देवेंद्र यादव (Bhilai MLA Devendra Yadav) पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने इस हिंसा को भड़काने में भूमिका निभाई थी। हालांकि, देवेंद्र यादव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें बदनाम करने के लिए यह केस बनाया गया है। उनके समर्थकों ने भी इस मामले में उनके साथ अन्याय होने का आरोप लगाया था। देवेंद्र यादव को जमानत मिलने के बाद राजनीतिक हलकों में इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव के समर्थकों ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह न्याय की जीत है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। देवेंद्र यादव के वकीलों ने कहा है कि वे अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान सभी आरोपों का सख्ती से जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव निर्दोष हैं और यह मामला उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है।
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