रिपोर्ट- सत्येन्द्र सिंह परिहार, बैतूल। मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल परिसर में 20 दिन के अंदर 50 बिस्तरों वाले फोल्डिंग अस्पताल को बनाया गया है। इस फोल्डिंग अस्पताल को बैलून से बनाया गया है। बतादें कि इस हॉस्पिटल को अमेरिकन-इंडिया फाउंडेशन की मदद से तैयार किया गया है। इसमें आईसीयू, ऑक्सीजन बेड से लेकर वे सभी सविधाएं हैं जो एक आम अस्पताल में होती हैं।
इसे दिल्ली की कंपनी पीडी मेडिकल ने तैयार किया है
इस बैलून अस्पताल को दिल्ली की कंपनी पीडी मेडिकल ने तैयार किया है। खास बात यह है कि इस अस्पताल को जरूरत के हिसाब से कभी भी मूव किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार अगर कोई अड़चन नहीं आए तो इस फोल्डिंग अस्पताल को 10 दिनों के अंदर तैयार किया जा सकता है। हालांकि बैतूल में इस अस्पताल को तैयार करने में करीब 20 दिन लग गए हैं।
इसे आग और पानी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है
इस अस्पताल में आठ आईसीयू बेड, 13 ऑक्सिजन बेड और 25 सामान्य बेड है। साथ ही इसमें रिसेप्शन एरिया, डॉक्टर लॉज, एक्जामिनेशन हाल, डॉक्टर, नर्स, मरीज वॉशरूम, मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। इंफ्लेटेबल टेंट से अस्पताल की दीवारें बनी हैं, जिसका आग और पानी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। निर्माण एजेंसी ने बताया कि इंफ्लेटेबल टेंट को अग्निरोधी सामग्री से तैयार किया गया है। यह हॉस्पिटल इंफ्लेटेबल टेंट है, जो बैलून में हवा भरकर तैयार किया जाता है। इसकी 120 फीट लंबाई और 80 फीट चौड़ाई है। वहीं, इस टेंट में अंदर ACP सीट्स के जरिए पार्टिशन और अन्य सजावट भी की गई है, जबकि ऐसी ही सामग्री से इसका फ्लोर भी तैयार किया गया है।
3 घंटे में खड़ा हो जाता है अस्पताल
इस बैलून अस्पताल के लिए जिला चिकित्सालय की तरफ से फ्लोर उपलब्ध करवाया गया था। जबकि सीवरेज और पीने के पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन को सौंपी गई थी। इस अस्पताल को खड़ा करने के लिए एयर कम्प्रेशन मोटर्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे गर्म हवा बैलून टेंट में भेजी जाती है। 3 घंटे के अंदर अस्पताल हवा के जरिए खड़ा हो जाता है। जिले में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इस बैलून हॉस्पिटल को तैयार किया गया है। हालांकि अभी बैतूल में कोरोना की स्थिति न के बराबर है। ऐसे में अस्पताल में दूसरे मरीज भर्ती हो सकेंगे।