नई दिल्ली। आज से ठीक दो साल पहले पाकिस्तान द्वारा सारी हदें पार करने के बाद भारत ने सरहद पार किया था और जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला बालाकोट एयर स्ट्राइक से लिया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इस हमले में जैश के करीब 250 से अधिक आतंकवादी मार गिराए गए थे।
इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के सह पर आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में करीब 42 जवान शहीद हो गए थे। उस वक्त पुलवामा आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पूरे देश में रोष की लहर थी। हर कोई आतंकियों से बदला लेना चाहता था। ऐसे में सरकार ने भी पुलवामा के शहीदों की शहादत का बदला लेने के लिए 12 दिन बाद 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी कैंप पर हमला कर दिया। इस काम के लिए सरकार ने भारतीय वायुसेना को चुना।
जैश ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
दरअसल, हमले की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली थी। जिसके बाद से ही बदला लेने के लिए तैयारी शुरू हो गई थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में तीनों सेनाओं ने रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया था। वायु सेना के तत्कालीन प्रमुख बी एस धनोआ ने सरकार के सामने एयर स्ट्राइक करने का विकल्प रखा, जिसे मंजूर कर लिया गया। इसके बाद तैयारी शुरू हो गई। सुरक्षा एजेंसियों ने इनपुट जुटाने शुरू किए। पता चला कि पीओके का बालाकोट ऐसी जगह है जहां कई सारे आतंकी कैप मैजुद हैं। यही से ऑपरेशन बालाकोट की शुरूआत हुई।
महज 90 सेकेंड में पूरा किया गया था मिशन
वायुसेना ने 26 फरवरी की सुबह साढ़े 3 बजे सरहद पार कर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाना शुरू कर दिया। उस समय आतंकी सोए हुए थे। वो संभल पाते उससे पहले ही वायुसेना ने आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया। बता दें कि इस पूरे मिशन को महज 90 सेकेंड में पूरा किया गया था। साथ ही इस ऑपरेशन के लिए जिस तरह की सीक्रेसी रखी गई थी उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे अंजाम देने वाले पायलट के परिवार को भी कुछ नहीं मालूम था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिराज-2000 के एक पायलट ने बताया कि इस मिशन को हमने 90 सेकेंड में पूरा किया और वापस भारत लौट आए।
एयरस्ट्राइक का कोडनेम था ‘ऑपरेशन बंदर’
वायुसेना ने एयर स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए इसका नाम रखा था ‘ऑपरेशन बंदर’। ताकि इसकी गोपनीयता को बरकरार रखा जा सके। यही कोडनेम क्यों रखा गया इसके पिछे भी एक कहानी है। कहा जाता है कि बंदरों का भारत के युद्ध में हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है। भगवान राम के सेनानायक हनुमान जी भी चुपके से लंका में घुसकर, शक्तिशाली कहे जाने वाले रावण का पूरा साम्राज्य उजाड़ दिया था। यही कारण है कि वायुसेना ने इस स्टाइक का कोडनेम ऑपरेशन बंदर रखा।
भारत ने दुनिया को बताया कि अब करारा जवाब दिया जाएगा
एयरस्ट्राइक के लिए वायु सेना ने 12 मिराज लड़ाकू विमान को बालाकोट भेजा था। साथ ही सुखोई एसयू-30 का इस्तेमाल भी किया गया था। एयरस्ट्राइक से पहले भारत ने उरी में सैन्य कार्रवाई भी की थी। इन दोनों हमलों ने पूरी दुनिया को बता दिया कि अब भारत सिर्फ हमलों की निंदा नहीं करेगा। बल्कि हर एक्शन का करारा जवाब भी देगा।