नई दिल्ली। मई के महीने में तीन बड़े ग्रहों का परिवर्तन Bakri Budh होने जा रहा है। जी हां और ग्रहों के इस परिवर्तन का सीधा असर राशियों पर पड़ेगा। आपको बता दें सबसे पहले 10 मई को बुध वक्री होकर उल्टी चाल चलेंगे। उसके बाद 14 मई को सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे। इसके बाद सबसे अंत में यानि 17 मई को मंगल भी अपना गोचर करेंगे। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ये तीनों ग्रह विभिन्न राशि के जातकों के साथ—साथ मौसम पर भी प्रभाव डालेंगे। चलिए जानते हैं इन ग्रहों का परिवर्तन कैसे होने जा रहा है और इसका क्या असर होगा।
: 10 मई को बुध होंगे वक्री —
मई के महीने में सबसे पहले 10 मई को बुध अपने ही ग्रह में वक्री होकर उल्टी चाल चलेंगे। वर्तमान में Zodiac Change in May 2022: बुध वृष राशि में चल रहे हैं। 10 मई को इसी राशि में इनकी उल्टी चाल शुरू हो जाएगी। जो 1 जून तक वक्री रहेंगे। इसके बाद 1 जून को ये इसी राशि यानि मेष राशि में ही सीधी चाल चलना शुरू कर देंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो वह विभिन्न राशि के जातकों पर कुछ न कुछ असर जरूर डालता है।
राशियों पर क्या होगा असर —
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि बुध की यह बदली चाल प्राकृतिक प्रकोप को शांत करेगी। इतना ही नहीं 15 मई को ये सूर्य के साथ हो जाएंगे। आपको बता दें 15 मई को सूर्य अपनी राशि बदलकर मेष से वृष में प्रवेश कर जाएंगे। जिसके बाद बुध को सूर्य का सानिध्य प्राप्त हो जाएगा।
ऐसी होती है बुध ग्रह की प्रकृति —
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी है। अपने भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है तो उसे उच्च का कहा जाता है। जबकि मीन राशि में ये नीच के माने जाते हैं। कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है।
मिश्रित स्वभाव का ग्रह है बुध —
बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है। किसी जातक का रंग जानने के लिए इसे श्याम वर्ण का माना जाता है। इसमें पृथ्वी तत्व की प्रधानता होती है। वाणी, बुद्धि, चर्म, वात, पित्त और कफ का विश्लेषण बुध ग्रह से किया जाता है। बुध प्रधान लोग अक्सर लेखक, कवि, गणितज्ञ, बैंकर, सीए, चित्रकार, प्रखर वार्ताकार और तर्क से सब को परास्त करने वाले होते हैं। बुध ग्रह के प्रभाव से लोगों को बैंकर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यवसायिक बनते देखा गया है। अच्छे व्यवसाय के लिए जातक की कुंडली में बुध का मजबूत होना आवश्यक है। बुध राशि के जातक बहुत अच्छे शिल्पकार भी होते हैं। इस ग्रह को वैश्य जाति का ग्रह कहते हैं। इससे प्रभावित जातकों का भाग्योदय 32 वर्ष पर होता है।
बुध के बेहद आसान 6 उपाय —
हरी वस्तुओं का दान।
गाय को हरा चारा खिलाएं।
9 कन्याओं को हरें रुमाल दान करें।
गणेशजी को दूर्बा चढ़ाएं।
घर के आसपास सूखे पौधे हटाकर नया पौधा लगाएं।
तुलसी का पौधा दान करें।
बुध का यह गोचर व्यक्ति की बुद्धि में परिवर्तन लाएगा। इस दौरान उन्हें हर कार्य बड़ी ही सावधानी के साथ करने की सलाह दी जा रही है। चूंकि बुध ग्रह हरा तत्व प्रधान भी है। इसलिए इस दौरान हरी रंग प्रधान वस्तुओं जैसे हरी सब्जी, हरी दालों आदि के दाम बढ़ सकते हैं।
आपके किस भाव में हैं बुध —
पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में बुध आठवें, चौथे और बारहवें भाव में होता है। साथ ही साथ जिन्हें नीच के बुध हैं उन्हें विशेष सावधान रहने की जरूरत होती है। इसके अलावा धनु राशि में गोचर करने पर यह इस राशि के लिए शुभ रहेगा। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के माने जाते हैं।
कमजोर बुध के संकेत —
बुध ग्रह बुद्धिमत्ता, वाणी, सौंदर्य, धन का कारक ग्रह है। लिहाजा आपकी जिंदगी में अचानक पैसों की तंगी हो जाए और आप कर्ज के बोझ से दबने लगें तो मान लीजिए कि आपका बुध ग्रह कमजोर हो रहा है।
अचानक मान हानि होने के साथ—साथ लोग आपका सम्मान बंद कर दें, बुध की कमजोरी के संकेत है।
आत्मविश्वास कम होना, खुद की बुद्धिमत्ता और निर्णयों पर संदेह करना।
महिला रिश्तेदारों जैसे बहन, बुआ, मौसी आदि से रिश्ते खराब होना।
दुर्बल होते जाना, जातक का तेज खत्म होना, चेहरा उतरा हुआ दिखने लगना।
बोलने और सुनने से जुड़े अंगों में समस्या।
दुर्बल बुध व्यापार में भी नुकसान कराता है।
ऐसे कर सकते हैं बुध को मजबूत —
बुध को मजबूत करने के लिए हरे रंग की चीजों का उपयोग करें। साथ ही उनका दान भी करें। जैसे- हरी मूंग, पालक, हरे रंग के शरबत का दान करें। सुहागिन महिलाओं को हरी चूड़ियां भेंट करें। खीरा, हरी सब्जियां, फल खाएं। हरे रंग के कपड़े पहनें।