हाइलाइट्स
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बिजली जाने से ऑक्सीजन सप्लाई रुकी
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तीन माह में बैगा समुदाय में तीन मौतें
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समुदाय को योजनाओं का भी नहीं
CG Kawardha News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला अस्पताल में अस्पताल की लापरवाही के चलते एक बैगस जनजाति की गर्भवती महिला की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन थियेटर ओटी में अचानक बिजली बंद हो गई। इससे ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई। इसके चलते ऑक्सीजन के अभाव में महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार मृतका (CG Kawardha News) जेठिया बाई बैगा उम्र 27 वर्ष ग्राम मुड़वाही थाना झलमला निवासी थी। बैगा महिला 9 महीने के गर्भ से थी।
सोमवार रात करीब 11 बजे उसे तेज प्रसव पीड़ा हुई थी। जिसे स्थानीय मितानिन की सहायता से रात में ही जिला अस्पताल कवर्धा लाया गया।
जहां जांच करने पर पता चला कि गर्भ में शिशु की मृत्यु (CG Kawardha News) हो चुकी है, इसके कारण हाईस्ट्रेकटॉमी (गर्भाशय निकालने) ऑपरेशन किया जाना था।
मंगलवार शाम लगभग 4 बजे उसे ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट किया गया था। ऑपरेशन के दौरान उसका गर्भाशय निकाला गया।
तभी खराब मौसम के कारण बिजली बंद हो गई, जिससे ओटी में ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई। इससे मरीज ने तड़प कर दम तोड़ दिया।
विशेष संरक्षित जनजाति को नहीं सुविधाएं
बता दें कि मृतका (CG Kawardha News) राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र समुदाय बैगा जनजाति की है। इस समुदाय की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति ने गोद ले रखा है, लेकिन उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है।
प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही हर माह की 9 तारीख को गर्भवतियों की निःशुल्क जांच भी की जाती है।
इसके बाद गर्भवतियों (CG Kawardha News) का एमसीटीएस कार्ड बनाया जाता है। इस कार्ड में गर्भवतियों की जो भी जांच करते हैं, उसका रिकॉर्ड इसमें रहता है।
मृतका जेठिया बाई का एमसीटीएस कार्ड ही नहीं बना था, इससे जिला अस्पताल पहुंचने पर उसके स्वास्थ्य संबंधी कोई जानकारी अस्पताल को नहीं मिली थी।
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अस्पताल में तीन माह में तीसरी मौत
बता दें कि पिछले 3 महीने में जिला अस्पताल (CG Kawardha News) में जच्चा बच्चा की मौत का यह तीसरा केस है।
इससे पहले भी 19 मई को ग्राम आगरपानी (कुकदूर) निवासी रामकली पति नरेन्द्र बैगा की मौत भी सिजेरियन ऑपरेशन के कुछ घंटे बाद हो गई।
उसके नवजात शिशु की भी मौत ऑपरेशन के दौरान हुई थी। इस संबंध में बोड़ला बीएमओ डॉ. विवेक चंद्रवंशी ने जानकारी दी कि सोमवार रात 11 बजे जेठिया बाई को तेज प्रसव पीड़ा हुई।
वह 9 महीने के गर्भ (CG Kawardha News) से थी। मितानिन ने कॉल कर बताया था। इस पर झलमला सीएचसी से महतारी 102 वाहन भेजे। फिर भी महिला आने को तैयार नहीं थी।
किसी तरह मितानिन उसे लेकर सीएचसी झलमला पहुंची। जांच में पता चला कि गर्भ में बच्चा तिरछा है। बच्चे के दिल की धड़कन भी नहीं मिल रही थी, तो उसे जिला अस्पताल रेफर किया था।