हाइलाइट्स
- एक बार फिर आमने-सामने बागेश्वर धाम और पंडोखर सरकार
- बढ़ सकती हैं पंडोखर सरकार की मुश्किलें
- धीरेंद्र शास्त्री पर बयानबाजी की जांच करेगी पुलिस
बागेश्वर धाम Vs पंडोखर सरकार: बागेश्वर धाम और पंडोखर सरकार एक बार फिर आमने-सामने आते दिख रहे हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी के मामले में पंडित गुरुशरण शर्मा के खिलाफ पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने पुलिस को निर्देश दिए कि जांच के बाद यदि केस दर्ज करने लायक अपराध है तो FIR दर्ज करके कार्रवाई करें।
नए कानून लागू होने के बाद पहला मामला
1 जुलाई को नए कानून लागू होने के बाद संभवत: ये पहला मामला है, जिसमें हाईकोर्ट ने कोई आदेश दिया है।
पंडित गुरुशरण शर्मा पर आरोप
गोटेगांव के अमीश तिवारी के वकील पंकज दुबे ने कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने गोटेगांव पुलिस में 7 मई को शिकायत की थी कि दतिया के रहने वाले धर्मगुरू गुरुशरण शर्मा (पंडोखर सरकार) तमाम साधु-संतों के खिलाफ टीका-टिप्पणी करते हैं। इसके बाद वीडियो को इंटरनेट के जरिए विरुद्ध टीका टिप्पणियां करते हैं और उन्हें इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वायरल करते हैं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ बयान
कोर्ट को बताया गया कि गुरुशरण शर्मा ने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के बारे में अनादरपूर्वक संबोधन किया जिसमें अशोभनीय भाषा का उपयोग किया गया। धीरेंद्र शास्त्री और उनके परिवार के लोगों के बारे में अशोभनीय और गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे आहत होकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
कोर्ट में नए कानून का हवाला
वकील पंकज दुबे ने दलील दी कि नए कानून भारतीय नागरिक संहिता की धारा 173 के तहत पुलिस का ये दायित्व है कि शिकायत मिलने के 14 दिन के भीतर जांच करे। यदि केस दर्ज करने लायक अपराध नहीं है तो शिकायतकर्ता को उसकी सूचना दे। ऐसा नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने नए कानून की व्याख्या करते हुए आदेश दिया।
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पूर्व गृहमंत्री ने कराई थी सुलह
पंडित गुरुशरण शर्मा यानी पंडोखर सरकार अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। कुछ महीनों पहले पंडोखर सरकार और बागेश्वर धाम के बीच विवाद भी हुआ था जो सुर्खियों में रहा था। हालांकि बाद में तत्कालीन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने धीरेंद्र शास्त्री और पंडोखर सरकार की सुलह कराई थी। उस वक्त दोनों मंच पर आए थे और एक-दूसरे को अपना भाई बताया था।