Ramlala Pran-Pratistha: अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शनिवार 20 जनवरी को पांचवां दिन है। चौथे दिन रामलला की पूरी तस्वीर सामने आई। पहली बार रामलला का पूरा चेहरा दिखा।
#WATCH | Ayodhya, UP: Shri Ram's childhood pictures adorn the gate from where invitees will enter the Shri Ram Temple on 22nd January for the Pran Pratishtha ceremony. pic.twitter.com/23qoALzcL8
— ANI (@ANI) January 20, 2024
अयोध्या में सोमवार को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देशभर में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन यानि 22 जनवरी को देश के विभिन्न जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आज रामलला 20 जनवरी को वास्तु शांति के बाद सिंहासन पर विराजेंगे। इससे पहले सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास में विराजेंगे। पाकिस्तान से हिंगलाज शक्तिपीठ का जल अयोध्या पहुंचेगा।
22 जनवरी को सुबह 10.30 बजे आएंगे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 22 जनवरी यानी प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही अयोध्या आएंगे। वह 4 घंटे रामनगरी में रुकेंगे। सुबह 10.30 बजे विमान से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेंगे। 11 बजे राम मंदिर पहुंच जाएंगे।
यहां 3 घंटे रुकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से पहले PM राम मंदिर परिसर में लगी जटायु की प्रतिमा का इनॉगरेशन करके पूजा करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 12.20 से 1 बजे तक होगा। PM के सामने रामलला की आंखों से पट्टी खोली जाएगी। वे रामलला को सोने की सलाई से काजल लगाकर उनको शीशा दिखाएंगे।
इसके बाद मोदी, मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास अपने विचार रखेंगे। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
तीन नदियों का जल अयोध्या पहुंचा
प्राण प्रतिष्ठा पर रामलला के अभिषेक के लिए देशभर से पवित्र जल एकत्र किया गया है। इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से तीन नदियों का जल लाया गया है। बेंगलुरु (कर्नाटक) के रहने वाले शैव शारदा कमेटी के सक्रिय सदस्य मंजूनाथ शर्मा ने तीनों पवित्र नदियों का जल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा।
प्राण प्रतिष्ठा के पहले रामलला का श्रृंगार
अस्थाई मंदिर बंद, पुजारी ने नए मंदिर में दर्शन किए
सुबह की उत्थान आरती के बाद रामलला के पुजारी संतोष तिवारी राम मंदिर गए। आज अस्थाई मंदिर बंद है और काम भी कुछ कम है। इसलिए वे वक्त निकालकर मंदिर के दर्शन करने पहुंचे।
22 जनवरी के बाद से संतोष नए मंदिर में भगवान का पूजन करेंगे। संतोष 1992 से रामलला के पुजारी हैं। बाबरी विध्वंस के समय भी रामलला की रक्षा में मौजूद थे।
बाबर रोड पर अयोध्या मार्ग का पोस्टर लगाया
दिल्ली में हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने बाबर रोड के बोर्ड पर अयोध्या मार्ग का पोस्टर लगा दिया।
प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम की नई प्रतिमा
रामलला की प्रतिमा की जो फोटो शुक्रवार 19 जनवरी को सामने आई, उसमें मूर्ति वर्कशॉप में रखी दिख रही थी।
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास बोले – प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम की मूर्ति की आंखें नहीं दिखाई जा सकतीं
#WATCH | Ayodhya: On the idol of Lord Ram, Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Chief Priest Acharya Satyendra Das says, "…The eyes of Lord Ram's idol cannot be revealed before Pran Pratishtha is completed. The idol where the eyes of Lord Ram can be seen is not the real idol. If… pic.twitter.com/I0FjRfCQRp
— ANI (@ANI) January 20, 2024
मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, जब निर्णय हो जाता है कि इस मूर्ति को स्थापित किया जाना है तो उसके नेत्र ढंक दिए जाते हैं। उसके बाद स्थापित कर दिया जाता है। ये काम वहीं (गर्भगृह) में होता है। अभी तस्वीरों में जिस मूर्ति की आंख खुली दिखाई गई है, वो मूर्ति है ही नहीं।
उसका वैसा स्वरूप है ही नहीं। अगर किसी ने आंख से कपड़ा हटा दिया है तो इसकी जांच होनी चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रतिमा का सबकुछ (स्नान, शृंगार, भोग) हो सकता है, लेकिन आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते।
अभी भी (प्राण प्रतिष्ठा के पहले तक) जो भी कर्मकांड चल रहे हैं, उसमें भी प्रतिमा की आंखें ढंकी रहेंगी। प्रतिमा में आंखों को छोड़कर शरीर से कपड़ा हटाया जा सकता है, क्योंकि कई अनुष्ठान (जैसे जलाधिवास, केसराधिवास) होते हैं, लेकिन आंखें नहीं दिखाई जा सकतीं।
अलीगढ़ से 400 किलो वजनी ताला पहुंचा
अलीगढ़ में बना 400 किलो वजनी ताला और चाबी अयोध्या पहुंचा। इसे क्रेन से उतारा गया।
#WATCH | Uttar Pradesh: Lock and Key weighing around 400 kg arrives at Ayodhya from Aligarh. pic.twitter.com/Q0MGv4ytYV
— ANI (@ANI) January 20, 2024
पाकिस्तान के हिंगलाज शक्तिपीठ से अयोध्या आएगा जल
पाकिस्तान के शक्तिपीठ से शनिवार को जल अयोध्या आएगा। हम यहां आपको इस मंदिर के बारे में बता रहे हैं। हिंगलाज माता मन्दिर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक हिंदू मन्दिर है।
यह हिंदू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है। यहां इस देवी को हिंगलाज देवी या हिंगुला देवी भी कहते हैं। इस मंदिर को नानी मंदिर के नामों से भी जाना जाता।
पिछले तीन दशकों में इस जगह ने काफी लोकप्रियता पाई है और यह पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का केंद्र बन गया है।
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