PUC Certificate: देश ही नहीं दुनियाभर में प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बना हुआ है। जिसकी वजह लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इस बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। आज के समय में अगर अपने आस-पास देखते हैं तो वायु प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
इसका बढ़ने के कारण को देखें तो वायु प्रदूषण बढ़ने के पीछे लोगों का सबसे बड़ा हाथ है। वायु प्रदूषण केवल फैक्ट्रियों से ही नहीं, बल्कि गाड़ियों से भी फैलता है।
कार-बाइक वाले बनवा लें ये सर्टिफिकेट: नहीं तो लगेगा हजारों का चालन, जानें कैसे और कहां बनेगा सर्टिफिकेट#PUCCertificate #PUC
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 18, 2024
गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण की जांच के लिए लोगों के पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC Certificate) होना जरुरी कर दिया गया है।
अगर जांच के दौरान वाहन चालक के पास ये Certificate नहीं होता है तो उस वाहन चालक को हजारों रुपए का चालन लग सकता है।
क्या होता है Pollution Certificate
Pollution Certificate को सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल, 1989 के तहत लाया गया था। इसके अनुसार ऑथराइज्ड पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर वाहन से होने वाले प्रदूषण के बारे में जानकारी लेते हैं और ये पता लगाते हैं कि उस वाहन से एक तय सीमा से ज्यादा प्रदूषण हो रहा है या नहीं हो रहा है।
ऐसे में वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर एक लिमिट तय की जाती है। इस नियम के तयत जो वहान लिमिट से ज्यादा प्रदूषण करते हैं उनपर रोक लगा दी जाती है। जिससे वायु प्रदूषण न हो
जरूरी है PUC Certificate
PUC Certificate यह सुनिश्चित करता है कि वाहन कम से कम प्रदूषण फैलाएं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।
दरअसल, वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है। वायु प्रदूषण कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, हृदय रोग, और कैंसर।
PUC Certificate स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देकर इन स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने में मदद करता है।
क्या आप जानते हैं जांच की प्रक्रिया
प्रदूषण जांच केंद्र पर एक कम्प्यूटर से जुड़ा गैस एनालाइजर होता है। इसमें एक कैमरा और प्रिंटर जुडा होता है। गैस एनालाइजर को वाहन स्टार्ट करने के बाद साइलेंसर में लगाया जाता है और वाहन से निकलने वाली गैस के आंकड़े कम्प्यूटर में दर्ज हो जाते हैं।
अगर वाहन से निकलने वाला प्रदूषण तय दायरे में होता है, तो PUC सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। पेट्रोल, डीजल और सीएनजी वाहनों के लिए प्रदूषण का दायरा अलग-अलग होता है।
PUC सर्टिफिकेट कैसे और कहां मिलेगा
आप किसी भी अधिकृत PUC सेंटर पर जाकर PUC सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। आपको अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और ड्राइविंग लाइसेंस साथ में ले जाना होगा।
टेस्ट में कुछ मिनट लगेंगे और आपको फीस देना होगा। आपकी गाड़ी एमिशन स्टैंडर्ड का पालन करती है तो आपको PUC सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
PUC सर्टिफिकेट को कराएं अपडेट
PUC सर्टिफिकेट को अपडेट कराना भी जरूरी होता है किसी नई कार या बाइक के लिए PUC सर्टिफिकेट केवल 1 साल के लिए ही वैध होता है।
इस सर्टिफिकेट को अपडेट कराते रहना भी जरूरी है। इसे रिन्यू कराने के बाद ये सर्टिफिकेट और 6 महीने के लिए वैलिड हो जाता है।
इस सर्टिफिकेट को बनवाने या रिन्यू कराने का खर्च 60 रुपये से 100 रुपये के करीब आता है।
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