Right to Disconnect Act: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में वर्क और पर्सनल लाइफ में सामंजस्य बैठना काफी मुश्किल होते जा रहा है। वहीं, अब कर्मचारियों को कई बार ऑफिस से घर लौटने के बाद भी कार्य करना पड़ता है। इसकी को लेकर ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कर्मचारियों के हितों को मद्देनजर रखते हुए उनकी हेल्थ की बेहतरी के लिए एक खास पहल की शुरुआत की है। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई संसद ने ने फेयर वर्क अधिनियम 2009 में संशोधन करने फेयर वर्क अमेंडमेंट अधिनियम 2024 को लाया गया है।
बता दें कि इसे ”राइट टू डिस्कनेक्ट एक्ट” भी कहते हैं। यह एक्ट ऑस्ट्रेलिया में 26 अगस्त 2024 को लागू हो जाएगा। इसके तहत अब कर्मचारी की ऑफिस की शिफ्ट समाप्त होने के बाद कर्मचारी को अपने बॉस की कॉल उठाना जरूरी नहीं होगा। वह अपने बॉस का कॉल डिस्कनेक्ट कर सकेगा। इसके साथ ही कर्मचारी को ड्यूटी के बाद ऑफिस का कोई काम करना भी जरूरी नहीं होगा।
”राइट टू डिस्कनेक्ट एक्ट” यह उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी साबित होगा, जिन्हें घंटों काम करने के बाद बाहर आकर अपने बॉस के किसी भी संपर्क, मैसेज या कॉल का जवाब नहीं देना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया का यह नया कानून अब कर्मचारियों को अनपेड ओवर टाइम करने से भी रोकता है।
शिफ्ट के बाद कंपनियां नहीं करवा सकतीं काम
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने संसद में इस नए कानून को लेकर कहा कि देश की कंपनियों और सरकारी विभागों को इस कानून का पालन करना होगा। अगर किसी को 24 घंटे काम के लिए सैलरी नहीं जी जा रही है, तो ऐसे में उसे 24 घंटे मौजूद रहने के लिए भी कंपनियां नहीं कह सकती हैं।
हम जानते हैं कि ऑफिर का समय खत्म होने के बाद भी काम की टेंशन होती है, इससे कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और वह इससे अपनी निजी जिंदगी में भी काफी परेशानी उठाता है।
आखिर क्यों पड़ी ऐसे कानून की जरूरत
ऑस्ट्रेलिया के सोशल एक्टिविस्ट और कर्मतारी संगठन लंबे वक्त से यह मांग कर रहे थे कि देश वर्किंग कल्चर को सुधारा जाए। देश में बॉस को सुधारकर वर्क-लाइफ बैलेंस की पहल भी की जा रही थी। इसके बाद रोजगार मंत्री टोनी बर्की ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया, इसमें लोगों से सुझाव भी लिए गए थे।
शिकायत मिलने पर होगा बॉस पर एक्शन
ऑस्ट्रेलिया के नए कानून के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वाजिब वजह से उसका बॉस ड्यूटी का समय समाप्त होने के बाद फोन नहीं कर सकेगा। साथ ही उसे किसी भी ईमेल का रिप्लाई या डॉक्यूमेंट फाइल को भी अपडेट करने के लिए भी नहीं कहा जा सकता है।
अगर किसी कर्मचारी ने अपने बॉस के खिलाफ शिकायत की है, तो जांच के बाद उस बॉस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उससे मौटा हर्जाना वसूला जाएगा। हर्जाने की रकम कितनी होगी, यह एक पैनल तय करेगा।
अब तक इन देशों में बना है कानून
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ऐसा कानून बनाने वाला कोई पहला देश नहीं है। इससे पहले फ्रांस, इटली, बेल्जियम, अर्जेंटीना, चिली, लक्जमबर्ग, मैक्सिको, फिलीपींस, रूस, स्लोवाकिया, स्पेन, ओंटारियो और आयरलैंड समेत 20 देशों में कर्मचारियों को काम के घंटे पूरे होने के बाग अब मोबाइल, लैपटॉप पूरी तरह से बंद करने का पूरा अधिकार प्राप्त है।
साथ ही ऑफिस का समय समाप्त होने के बाद बॉस यहां पर अपने कर्माचारियों को किसी भी तरह के कार्य के लिए नहीं कह सकते हैं। अगर बॉस अपने कर्मचारी को ऑफिस की शिफ्ट खत्म होने के बाद किसी काम के लिए कहते हैं तो कर्मचारियों के पास पूरा अधिकार है कि वह इसके लिए उन्हें मना कर सकते हैं।
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