प्रयागराज। कहते है समय बहुत बलवान है। कभी इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में अतीक (atiq-ahmed-history-news-in-hindi) का इतना खौफ था कि हर कोई उसके नाम से डरता था,लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि दूसरों को डराने वाला अतीक अब खुद ड़रने लगा था।
खौफ के मारे मरा जा रहा था
हाल ही के कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश का वह माफिया थर-थर कांप रहा था, जिसके नाम से कभी लोग डर जाते थे, वो कुछ महीनों से खौफ के मारे मरा जा रहा था। जेल की चारदीवारी के भीतर से ही जो किसी की भी सुपारी लेकर उसका काम तमाम करवा देता था लेकिन योगी सरकार के आने के बाद अब वो खुद डर के साए में जी रहा था। माफिया अतीक जिस तरह राजू, उमेश और अन्य लोगों की जान ली थी, उसी तरह अतीक-अशरफ का अंत हुआ।
Big Breaking News: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या
श्रावस्ती में 1962 में हुआ जन्म
अतीक का जन्म श्रावस्ती में 1962 में हुआ था। अतीक ने 1989 में राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद पश्चिम सीट उसे जीत मिली। दो विस चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखी। अतीक की चौथी जीत सपा के टिकट पर हुई। अतीक 1999 से 2003 के बीच अपना दल का अध्यक्ष रहा। 2002 में ने अपना दल के टिकट पर चुनाव जीता था। 2004 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर से सांसद चुना गया।
हत्याकांड के बाद 17 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए
अतीक की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए है। हत्याकांड में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया। 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित हुआ। बड़े अधिकारियों को प्रयागराज भेजा गया। प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू की गई। पूरे उत्तर प्रदेश में हाईअलर्ट घोषित किया गया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम योगी ने बैठक की। सीएम ने कहा कोई भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न करे।
जानें कौन हैं अतीक-अशरफ के कातिल ?
हमें कोई जानकारी नहीं की वह वहां कैसे पहुंच गया और हमें इससे कोई मतलब नहीं है। यह प्रयागराज में कब से है हमें नहीं पता। यह आखिरी बार 7-8 दिन पहले आया था: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाले शूटर लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी pic.twitter.com/0frOGRQMe5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
आरोपी लवलेश तिवारी बांदा निवासी है। आरोपी सनी कासगंज का रहने वाला है। आरोपी अरुण मौर्य हमीरपुर निवासी है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें बड़ा माफिया बनना है। कब तक छोटे मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है। आरोपियों से हथियार भी बरामद किया गया है। आरोपी बड़ा माफिया बनना चाहते थे। तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है।
यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं। हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई। यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाले… pic.twitter.com/nWbsLahxEo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
बंसल न्यूज के सवाल ?
- पुलिस की मौजूदगी में कैसे हुई गैंगस्टर भाईयों की हत्या ?
- अतीक से मीडिया पूछताछ के दौरान पुलिस ने क्यों बनाई दूरी ?
- क्या कोर्ट से कस्टडी में मिलते ही मारने की रची गई साजिश ?
- क्या षड्यंत्र के तहत हत्यारे बने मीडियाकर्मी ?
अतीक अब ‘अतीत’
- अतीक अहमद अब ‘अतीत’
- असद के बाद अतीक-अशरफ का ‘द एंड’ !
- मिट्टी में मिला ‘माफिया परिवार’
- 18 गोली, 40 सेकेंड, 3 हमलावर
- 3 कातिल सनी, लवलेश और अरुण
- ‘बड़ा माफिया बनना है…’: आरोपी
- जहां आतंक मचाया..वहीं अतीक का सफाया
- UP में हाई अलर्ट, सभी जिलों में धारा 144
- कोई भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न करे: CM
- पहली बार ऐसा मर्डर..कैमरे पर !
- अतीक के आतंक की कहानी
आपको बता दें कि अतीक के आतंकी कहानी 1979 से शुरू हुई थी। अतीक पर सबसे पहले एक मामले में हत्या का आरोप लगा था। इसके बाद उसने करीब 10 साल बाद राजनीति में कदम रखा। राजनीति में अपने पैर जमाने के बाद उसका आतंक बढ़ता ही गया। अतीक पर 100 से ज्यादा हत्या, लूट, फिरौती, अपहरण जैसे मामले दर्ज हैं, अतीक का आतंक इतना था कि उसके खिलाफ गवाही देने वाले उसके नाम से खौफ खाते है।
#WATCH उ.प्र.: प्रयागराज में पुलिस द्वारा सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदेश के सभी ज़िलों में सीआरपीसी की धारा-144 लागू की गई है।
कल अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। pic.twitter.com/kfKhO9u7yf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2023
अतीक कैसे बना डॉन?
अतीक कैसे अपराध से राजनीति की दुनिया में आया। इसे जानने के लिए हमें कुछ साल पीछे जाना होगा। साल 1987 के आसपास की बात है। इलाहाबाद शहर में चांद बाबा का दौर था। उसके नाम से लोगों के मन में खौफ पैदा हो जाता था। क्या नेता और क्या कारोबारी। सभी चांद बाबा के नाम से ही खौफ खाते थे।
आलम ये था कि पुलिस और नेता इस चांद बाबा को मारना तो चाहते थे लेकिन हिम्मत किसी में नहीं थी। अब दो साल का वक्त गुजरा और अतीक अहमद का दबदबा बढ़ने लगा। वहीं अतीक अहमद बाहुबली बनने के लिए किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था, ताकि उसे लोग जानने लगे।
अतीक ने की चांदबाबा की हत्या
अतीक ने इलाहाबाद के सबसे बड़े डॉन यानी बाहुबली का पता लगाया। तब पता चला 1989 में चांद बाबा का बड़ा नाम है। फिर उसी चांद बाबा की अतीक अहमद ने सनसनीखेज तरीके से हत्या कर डाली। अब जिस चांद बाबा से पुलिस और बड़े बड़े नेता खौफ खाते थे उसी का बेखौफ अंदाज में मर्डर कर दिया गया।
सबसे बड़ा बाहुबली बन गया
कत्ल करने वाला अतीक अहमद अब खुद सबसे बड़ा बाहुबली बन गया। इसके बाद अतीक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। समय बदलता गया, लेकिन अतीक का आतंक नहीं रूका साल 2002 में नस्सन की हत्या। साल 2004 में देश के जाने माने बीजेपी नेता और मंत्री रह चुके मुरली मनोहर जोशी के सबसे करीबी नेता अशरफ की हत्या। फिर 2005 में नए नए विधायक बने राजूपाल की हत्या कराकर अतीक अहमद यूपी की सियासत और देशभर में छा गया।
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