हाइलाइट्स
- साल 2023 को 1000 वेतन वृद्धि की घोषणा की
- डेढ़ साल से अधिक समय तक लागू नहीं किया
- सालाना 238 रुपए के वेतन वृद्धि का प्रस्ताव रखा
Madhya Pradesh NHM Asha Wrokers Protest: भोपाल के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कार्यालय के गेट पर बुधवार, 7 मई को आशा कार्यकर्ताओं प्रदर्शन किया। जिसमें भोपाल समेत इंदौर, रीवा, गुना, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य जिलों से सैकड़ों आशाएं जुटीं। इस बीच एनएचएम (NHM) की ओर से सालाना 238 रुपए वेतन वृद्धि का आदेश किया लेकिन आशाओं ने इस आदेश को नकार दिया।
आशा, उषा, पर्यवेक्षक और आशा सहयोगी संघ के नेतृत्व में NHM कार्यालय के गेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आशाएं सरकार से आर-पार की लड़ाई के मुड में नजर आईं। आशाओं ने कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। आशाओं ने कहा कि सरकार हमसे डरती हैं, इसलिए पुलिस आगे करती हैं, मिसाइल गिरे, तोप गिरे या बम फटे, अब नहीं हटेंगी ये आशाएं। अभी करो अर्जेंट करो, हमें परमानेंट करो। आशा कार्यकर्ताओं का उग्र रवैया देखकर सरकार ने अपना रूख नर्म किया।
जो वादा किया था, उसे पूरा निभाओ
NHM की MD सलोनी सिढाना ने प्रतिनिधि मंडल को कार्यालय के अंदर बुलाया। जहां एमडी सिढाना ने प्रतिनिधि मंडल के समक्ष वेतन वृद्धि का सहमति आदेश रखा, जिसमें सालाना 238 रुपए वेतन वृद्धि का उल्लेख किया। जिसे कार्यकर्ताओं ने मानने से इनकार कर दिया। NHM MD सलोनी सिढाना ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में हर साल 238 रुपए वृद्धि की जा सकती हैं। आशा सहयोगी श्रमिक संघ प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने कहा कि हमें ये नहीं चाहिए। 29 जुलाई 2023 को सीएम द्वारा सालाना 1 हजार रुपए वेतन वृद्धि का जो वादा किया था उसे पूरा निभाओ। ये मान्य करेंगे।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक किस पर लागू
आशा, उषा, पर्यवेक्षक संयुक्त मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कविता सोलंकी ने कहा कि आपने जो बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार मानकर हमारी वेतन वृद्धि तय की है। पहले यह बताए कि नियम किन कर्मचारियों पर लागू है। यदि यह कर्मचारियों पर लागू है तो हम तो इसमें आते ही नहीं है। ऐसे में यह नियम हमपर लागू नहीं होता। जो घोषणा की है, वहीं वेतन वृद्धि चाहिए।
सरकार हमें लाड़ली बहना नहीं मानती
गुना जिले की आशा कार्यकर्ता सीमा सहरिया अपनी दो साल की बेटी निष्ठा के साथ प्रदर्शन में पहुंची। सीमा ने कहा कि मुझे हर महीने 600 रुपए मानदेय मिलता है लेकिन फरवरी, मार्च और अप्रैल का मानदेय अब तक नहीं मिला। पति खेत मजदूरी करते है। एक व्यक्ति से परिवार का पालन-पोषण नहीं हो रहा। सरकार हमें लाड़ली बहना नहीं मानती, इसलिए 1250 रुपए भी नहीं दे रहे।
अब भी नहीं मिल रहा उचित मानदेय, सुविधा
आशा कार्यकर्ता ने कहा कि 20 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अब भी उचित मानदेय और सुविधा नहीं मिलती। दूसरी ओर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 1 अप्रैल 2024 से वेतन वृद्धि दी गई है। राज्य कर्मचारियों को डीए में वृद्धि की गई। आशा कार्यकर्ता की मांगों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। सीएम या स्वास्थ्य मंत्री प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर इस मुद्दे का हल निकालें।
पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले LIC अधिकारी सुशील की पत्नी ने कहा: भारत ने सही समय पर लिया बदला, हमें सेना पर गर्व है
Operation Sindoor Reaction Sushil Nathaniel Wife: ऑपरेशन सिंदूर (OperationSindoor) के तहत पाकिस्तान में किए गए भारतीय सैन्य हमले के बाद देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने अपने एक्स पर OperationSindoor के फोटो के साथ भारत माता की जय लिखा। पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले इंदौर के LIC अधिकारी सुशील नथानियल की पत्नी जेनिफर नथानियल (Jennifer Nathaniel) ने इस कार्रवाई को सही समय पर लिया गया बदला बताया और भारतीय सेना (Indian Army) की प्रशंसा की। पूरी खबर पढ़ने क्लिक करें…