Kejriwal Janta Ki Adalat: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल 22 सितंबर, रविवार को जंतर-मंतर पर पहली बार ‘जनता की अदालत’ लगाई। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहली बार हुआ जब केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ इस तरह खुलकर मोर्चा खोला। उनके साथ दिल्ली के सभी मंत्री, विधायक और पार्टी के प्रमुख नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल रहे।
अरविंद केजरीवाल की स्पीच में चार बड़ी बातें सामने आईं
- ईमानदारी से चुनाव लड़ने और जीतने की ताकत: केजरीवाल ने कहा कि चुनाव ईमानदारी से लड़े और जीते जा सकते हैं। उन्होंने अपनी पार्टी की पहली जीत को याद किया और बताया कि किस तरह बिना पैसे, गुंडों, और साधनों के, जनता के समर्थन से आम आदमी पार्टी ने पहली बार सरकार बनाई।
- जंतर-मंतर की ऐतिहासिकता: केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर लौटने पर खुशी जताई और 4 अप्रैल 2011 को याद किया, जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आजाद भारत का सबसे बड़ा आंदोलन यहीं से शुरू हुआ था। उन्होंने उन दिनों की याद ताजा की, जब आंदोलन जंतर-मंतर और रामलीला मैदान से जुड़ा था।
- सरकार का अहंकार: उन्होंने पुरानी सरकार की अहंकारपूर्ण प्रवृत्ति का जिक्र किया, जो चुनौती देती थी कि चुनाव जीतकर दिखाओ। उस समय उनकी टीम के पास चुनाव लड़ने के लिए जरूरी साधन नहीं थे, फिर भी जनता ने उन्हें सत्ता में ला दिया।
- जनता का समर्थन: केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उनकी जीत जनता के समर्थन से संभव हुई। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने यह साबित कर दिया कि सत्ता में आकर भी ईमानदारी से काम किया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से पांच प्रमुख सवाल पूछे, जिनमें उन्होंने भाजपा की मौजूदा नीतियों और राजनीति पर सवाल उठाए:
- दूसरी पार्टियों को तोड़ने पर सवाल: केजरीवाल ने पूछा कि मोदीजी जिस तरह देशभर में नेताओं को लालच देकर या ईडी और सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ रहे हैं और सरकारें गिरा रहे हैं, क्या यह लोकतंत्र के लिए सही है? उन्होंने पूछा कि क्या मोहन भागवत इसे लोकतंत्र के लिए हानिकारक नहीं मानते।
- भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल करना: केजरीवाल ने सवाल किया कि मोदीजी और अमित शाह ने जिन नेताओं को भ्रष्टाचारी कहा था, उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। उन्होंने मोहन भागवत से पूछा कि क्या वह ऐसी राजनीति से सहमत हैं?
- भाजपा का पथभ्रष्ट होना: केजरीवाल ने कहा कि भाजपा आरएसएस की कोख से जन्मी है और इसे सही दिशा में रखना संघ की जिम्मेदारी है। उन्होंने पूछा कि क्या मोहन भागवत भाजपा के आज के कदमों से सहमत हैं और क्या उन्होंने मोदीजी को गलत हरकतों से कभी रोका है?
- भाजपा और संघ के रिश्ते पर सवाल: केजरीवाल ने भाजपा अध्यक्ष नड्डा के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा को अब संघ की जरूरत नहीं है। उन्होंने पूछा कि जब भाजपा संघ को आंखें दिखाने लगी, तो क्या मोहन भागवत को इससे दुख नहीं हुआ?
- 75 साल की उम्र सीमा का नियम: केजरीवाल ने आरएसएस के बनाए उस नियम का जिक्र किया, जिसमें 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायर होना होता है। उन्होंने पूछा कि जब यह नियम आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं पर लागू हुआ, तो अब अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम मोदीजी पर लागू नहीं होगा। केजरीवाल ने पूछा कि क्या मोहन भागवत इस दोहरे मापदंड से सहमत हैं?
‘जनता की अदालत’ के तहत होगा प्रचार
सूत्रों के अनुसार, आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगी मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर अलग-अलग विधानसभाओं में ‘जनता की अदालत’ के तहत प्रचार करेंगे।
इस मुहिम का उद्देश्य जनता के बीच पार्टी की साख को फिर से मजबूत करना है, खासकर पार्टी नेताओं के जेल जाने के कारण जो नुकसान हुआ है, उसे सुधारने की रणनीति बनाई जा रही है।
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केजरीवाल ने इस्तीफे के समय पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया था कि वह तब तक मुख्यमंत्री पद पर वापस नहीं लौटेंगे जब तक जनता उन्हें अपनी अदालत में ईमानदार साबित नहीं कर देती।
भाजपा भी लगाएगी जनता का दरबार (Kejriwal Janta Ki Adalat)
दिल्ली में भाजपा ने हर शनिवार को जनता दरबार लगाने की घोषणा की है, जहां पंत मार्ग स्थित प्रदेश कार्यालय में भाजपा सांसद लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस पहल की शुरुआत शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने की। वीरेंद्र सचदेवा ने इस अवसर पर कहा कि जनता दरबार भाजपा की कार्यशैली का अभिन्न हिस्सा है और जनता की समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने बताया कि हर शनिवार केंद्रीय मंत्री और एक सांसद जनता की समस्याओं को सुनने और निस्तारित करने के लिए मौजूद रहेंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों से दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से त्रस्त है। उन्होंने बताया कि दिल्ली की सड़कें जर्जर हैं, शहर में कूड़ा फैला हुआ है, और बिजली बिल व पीने के पानी जैसी बुनियादी समस्याओं से झुग्गी में रहने वाले लोग परेशान हैं। भाजपा सांसद इन समस्याओं को हल करने का हरसंभव प्रयास करेंगे।