हाइलाइट्स
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हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को नहीं दी राहत
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कल (28 मार्च) को पूरी होगी ईडी की रिमांड
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ईडी(ED) से हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल तक मांगा जवाब
Arvind Kejriwal को शराब घोटाले (Excise Policy) में राहत नहीं दी है. गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ED की रिमांड पर हैं. यह रिमांड कल पूरी हो जाएगी.
आज दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में ईडी से 2 अप्रैल तक जवाब मांगा है.
वहीं दूसरी ओर शराब घोटाले मामले मेंं ईडी के सरकारी गवाह हैदराबाद के बिज़नेसमैन पी शरथ चंद्र रेड्डी भी चर्चा में हैं. दरअसल रेड्डी की कंपनी का कनेक्शन इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से भी है.
कल राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई
ईडी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को रिमांड में रखने की इजाजत दी थी. अब इस मामले में कल राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी. जहां उनकी रिमांड को लेकर ईडी कोर्ट से अतिरिक्त समय मांग सकती है.
बता दें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से शराब नीति से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत से राहत की मांग की थी.
शरथ चंद्र रेड्डी का इलेक्ट्रोरल बॉन्ड कनेक्शन
दरअसल जिस शरथ रेड्डी की गवाही पर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है. वह खुद जमानत पर बाहर है. रेड्डी 10 नवम्बर 2022 को दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
ED का आरोप था कि रेड्डी “साउथ ग्रुप” का हिस्सा है जिसने कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. जिसका इस्तेमाल पार्टी ने गोवा चुनाव में किया था.
इसके 6 माह बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 मई 2023 को रेड्डी को मेडिकल ग्राउंड्स पर ज़मानत दी थी.
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अब समझते हैं चंदे के गणित में बीजेपी कनेक्शन
दरअसल रेड्डी की जब गिरफ्तारी हुई थी तब वे ऑरोबिन्दो फार्मा लिमिटेड (Aurobindo Pharma Limited) नाम की कंपनी के डायरेक्टर थे. इस कंपनी का हेडऑफिस हैदराबाद में है.
इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा के अनुसार ऑरोबिन्दो फार्मा ने 3 अप्रैल 2021 से 8 नवंबर 2023 के बीच 52 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
शरथ रेड्डी की गिरफ्तारी के पहले और बाद में बीजेपी को 34.5 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड दिए इस कंपनी ने दिए.
इसमें से 30 करोड़ रुपये के बॉन्ड रेड्डी की गिरफ़्तारी और उनके सरकारी गवाह बन जाने के बाद दिए गए हैं. जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.