जशपुर में सेब का बागान, 10 एकड़ में होगी खेती

जशपुर: छत्तीसगढ़ के लोग पहले पहाड़ियों की हसीन वादियों में समय बिताने और सेब की खेती देखने हिमाचल और कश्मीर जाया करते थे। लेकिन अब उन्हें अगर हसीन पहाड़ियों की वादियों में सेब की खेती देखनी हो तो उन्हें उतनी दूर ना जाकर प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे जशपुर में आना होगा।
ये सेब कश्मीर, हिमाचल के हसीन वादियों में फलते हैं। लेकिन वो दिन अब दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ के जशपुर में ऐसे ही बागान नजर आएंगे। यहां के पंडरापाठ में सेब की खेती की तैयारी पूरी हो चुकी है। करीब 10 एकड़ में सेब के बगान की तैयारी पूरी हो चुकी है। यहां सौ एकड़ में प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। जिसमें फूड पार्क, गौठान, नाशपाती के बगान के साथ सेव के बगान तैयार किए जाएंगे।
पंडरापाठ में कड़ाके की ठंड पड़ती है। तापामन 1 डिग्री तक पहुंच जाता है। सेब के अनुकूल मौसम को देख एक्सपर्ट की सलाह से यहां पर 10 एकड़ में 1600 सेब के पौधे लगाए जाएंगे। सेब की खेती लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि अब तक जिले वासियों ने हिमाचल, कश्मीर जैसे राज्यों में सेब की खेती देखी या सुनी है। लेकिन अब जशपुर भी सेबों का नया घर बनने जा रहा है।
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