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Jain Dharm Chaturmaas Mahatv: हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म में भी चातुर्मास का विशेष महत्व, कड़े नियमों का होता है पालन

Jain Dharm Chaturmaas Mehatv: अगले महीने की 17 तारीख से चातुर्मास की शुरुआत हो रही है. चातुर्मास हिन्दू, बौध और जैन धर्म में मनाया जाता है.

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Manya Jain
Jain Dharm Chaturmaas Mahatv: हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म में भी चातुर्मास का विशेष महत्व, कड़े नियमों का होता है पालन

Jain Dharm Chaturmaas Mehatv: अगले महीने की 17 तारीख से चातुर्मास की शुरुआत हो रही है. चातुर्मास हिन्दू, बौध और जैन धर्म में मनाया जाता है. हिन्दू धर्म के मुताबिक़ चातुर्मास को चौमासा भी कहा जाता है. इस चौमासे में माना जाता है कि भगवान विष्णु निद्रासन में चले जाते हैं. इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान् शिव करते हैं.

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इसी तरह जैन धर्म में भी चातुर्मास का काफी महत्व है. इन चार महीनों में जैन संत एक ही स्थान पर रहकर साधना और पूजा पाठ करते हैं.साथ इस दौरान सूक्ष्म जीव ज्यादा पैदा होते हैं. जिससे मनुष्यों के ज्यादा चलने या उठने बैठने से जीवों की हत्या होती है.

इसलिए जैन संत इन चार महीनों के लिए एक ही जगह ठहर जाते हैं. साथ ध्यान और साधना करते हैं. इसी चातुर्मास में पर्युषण पर्व भी मनाया जाता है.

चातुर्मास में इन चीज़ों का नहीं करते सेवन 

जैन धर्म में चतुर्मास के दौरान साधना और तप के अलावा कई खाने की चीज़ों का सेवन नहीं करते हैं. जैसे चातुर्मास के दौरान जैन संत करेला, कद्दू, भिंडी, गवार फली, राजमा, तेंदुफल, अखरोट, आइसक्रीम सोयाबीन, कुंदरू, दही फ्रिज में रखी गई हर वास्तु चीकू, आलू बुखारा, कमरख, अंगीठा अष्टमी और चतुर्दशी को दूध छाछ और हरि पत्ती वाली सब्जियों का त्याग करते हैं.

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इस प्रकार अलग-अलग जैन संत अपने सिद्धांत के अनुसार चीज़ों का त्याग नहीं करते हैं.

क्यों रात्रि में भोजन नहीं करते 

सूरज ढलने से पहले भोजन करने के कई फायदे होते हैं। इससे हमारे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है, क्योंकि सूर्यास्त के बाद हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इससे न केवल हमें पेट संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि हम रात को बेहतर नींद ले सकें.

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जल्दी भोजन करने से हमारे शरीर को दिनभर की ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे हम अधिक सक्रिय और ताजगी महसूस करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह स्वस्थ वजन बनाए रखने में भी मदद करता है, क्योंकि रात को देर से भोजन करने से वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है.

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इन नियमों का करते हैं पालन 

इसलिए, सूरज ढलने से पहले भोजन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है.

इन चार महीनों के दौरान भौतिक सुख-सुविधाएं का त्याग कर देते हैं और सयंमित जीवन जीते हैं.

इन चार महीनों में साफ-सफाई और जीव हत्या किये बिना घर का बना हुआ भोजन खाया जाता है.

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चातुर्मास में पंखा, कूलर और टीवी जिसे अन्य साधन से दूरी बना लेते हैं.

हरी सब्जियां इन चार महीनों में हरी सब्जियां और कंदमूल नहीं खाए जाते हैं।

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