Ants facts: क्या आपने कभी सोती हुई चीटियां देखी हैं? आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि चीटियां वास्तव में कभी नहीं सोती हैं।
वैज्ञानिकों ने इसे एक रोचक और अद्वितीय खोज के रूप में खोजा है, जिसने इन छोटे सा स्वर्गीय कीटों के लिए नए आश्चर्यजनक संदेशों की प्रकृति का पर्दाफाश किया है।
सामाजिक संगठन और कार्यक्षमता
चीटियों का विशेष अद्वितीय तत्व है उनकी व्यापक सामाजिक संगठन और कार्यक्षमता। एक चीटी की जीवनशैली उनके साथीदार और उनके घर की संरचना पर निर्भर करती है, जिन्हें “मुहर” कहा जाता है।
चीटियां एक समूह के भाग के रूप में कार्य करती हैं
चीटियां एक समूह के भाग के रूप में कार्य करती हैं, जहां उन्हें विभिन्न कार्यों का विभाजन होता है, जैसे कि भोजन की खोज, नई सुरंगों का निर्माण, और अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए संगठन करना।
वास्तव में कभी नहीं सोती
चीटियों की अद्वितीयता इस बात की वजह से है कि वे वास्तव में कभी नहीं सोती हैं। इसे एक चयनित संगठनिक गतिविधि के रूप में देखा जा सकता है जिसे “निद्रा विरति” कहा जाता है।
स्लीप डीप्राइव
वैज्ञानिकों ने देखा है कि चीटियां स्वयं को एक स्थिर रखने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग करती हैं जिसे “स्लीप डीप्राइव” कहा जाता है। इसमें चीटियों के शरीर में एक खास हार्मोनिक तत्व उत्पन्न होता है जो उन्हें सोने की आवश्यकता के बिना भी उचित समय तक सक्रिय रहने में सहायता करता है।
इससे वे अपनी संगठनिक गतिविधियों को निरंतर चलाते रहते हैं और उन्हें नींद की आवश्यकता के बिना कार्यान्वित करते हैं।
इस खोज ने वैज्ञानिकों को चीटियों के व्यापक संगठनिक तंत्र और उनकी संचालनशीलता के पीछे की सच्चाई को समझने में मदद की है। इसके साथ ही, यह अद्वितीय विशेषता भी दिखा रही है कि चीटियांअपने आप को एक स्थिर रखने के लिए समय-समय पर नींद की आवश्यकता नहीं है।
इसके पीछे के विज्ञान के और खुदरा पहलूओं को समझने के लिए और अधिक अध्ययन और खोज की जरूरत है, जिससे हम इन छोटे पर्यावरण संरक्षक और संगठनित कीटों की दुनिया को और अच्छी तरह समझ सकें।
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